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Indian Railways: लॉकडाउन के बाद ट्रेनों के संचालन पर मंथन, शताब्दी जैसी ट्रेनों में मिलेगा सिर्फ पानी

जनरल और स्लीपर क्लास की ट्रेनों की बोगियों में तो शारीरिक दूरी के लिए वेटिंग लिस्ट और मिडिल कंफर्म सीटों को हटाने की योजना बन गई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 01:48 AM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 07:57 AM (IST)
Indian Railways: लॉकडाउन के बाद ट्रेनों के संचालन पर मंथन, शताब्दी जैसी ट्रेनों में मिलेगा सिर्फ पानी
Indian Railways: लॉकडाउन के बाद ट्रेनों के संचालन पर मंथन, शताब्दी जैसी ट्रेनों में मिलेगा सिर्फ पानी

निशांत यादव, लखनऊ। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस के साथ राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सफर के दौरान यात्रियों को खाना अपने साथ लाना पड़ सकता है। रेलवे इन ट्रेनों में केवल सादे पानी की ही आपूर्ति करेगा। इस दौरान शताब्दी और तेजस जैसी ट्रेनों में शारीरिक दूरी का पालन एयरलाइन्स की तर्ज पर होगा। एक चेयरकार की सीट के पीछे दूसरे यात्री को बैठाया जाएगा।

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बुधवार को रेलवे बोर्ड में लॉकडाउन के बाद कुछ चुनिंदा रूटों पर ही सीमित संख्या में ट्रेनों को चलाने की गाइड बनाने पर मंथन किया गया। जनरल और स्लीपर क्लास की ट्रेनों की बोगियों में तो शारीरिक दूरी के लिए वेटिंग लिस्ट और मिडिल कंफर्म सीटों को हटाने की योजना बन गई है। हालांकि, इसके निर्देश अब तक जोनल मुख्यालयों को जारी नहीं हुए हैं।

एसी क्लास बोगियों के शीशे भी हटाए जा सकते हैं

वहीं, सबसे बड़ा संकट कोरोना वायरस के चलते एसी क्लास के सफर को लेकर है। रेलवे बोर्ड के सीनियर अधिकारी के मुताबिक, एसी क्लास बोगियों में सेंट्रल एसी होती है। ऐसे में इस एसी को नहीं चलाया जा सकता है। दुविधा इसे लेकर भी है कि बिना एसी के पूरी तरह बंद बोगी में यात्री घुटन और भीषण तपिश में सफर भी नहीं कर पाएंगे। मई में ही तापमान 44 डिग्री के करीब होगा। ऐसे में एसी क्लास बोगियों के शीशे भी हटाए जा सकते हैं। यानी ट्रेनें नॉन एसी हो सकती हैं। ऐसे स्थिति में किराए का अंतराल वापस कर दिया जाएगा।

खाना न देने पर फिलहाल विचार चल रहा 

तेजस को लॉक डाउन हटने के बाद एयरलाइन्स की तर्ज पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए चलाया जा सकता है। इस ट्रेन में सतर्कता के तहत पानी यात्रियों को दिया जा सकता है। खाना न देने पर फिलहाल विचार चल रहा है।

- अश्विनी श्रीवास्तव, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक आइआरसीटीसी


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