जवान की वर्दी लॉकडाउन की वजह से स्टेशन पर फंसी तो रेलवे ने अपने खर्च पर पहुंचाई
ट्रेनें बंद हुई तो भोपाल स्टेशन पर रह गई थी छत्तीसगढ़ में तैनात जवान की वर्दी।
नईदुनिया, भोपाल। देश की सुरक्षा में तैनात जवान के लिए भोपाल रेल मंडल ने मदद कर अनूठे ढंग से सम्मान प्रकट किया है। यह जवान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले में तैनात हैं। उनकी वर्दी भोपाल रेलवे स्टेशन पर अमानती समान घर में रखी थी, वे उसे ले पाते उसके पहले ही लॉकडाउन हो गया और वर्दी वहीं रह गई। जवान ने मदद मांगी तो रेलवे सामने आया और 92 रुपये खर्च कर उनकी वर्दी रायपुर भिजवा दी है, जो उन्हें मिल गई है। वे वर्दी पहनकर ड्यूटी भी कर रहे हैं।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान देशबहादुर (परिवर्तित नाम) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले में तैनात हैं। वे 20 मार्च को भोपाल से अपने गृह जिले दिल्ली की तरफ जा रहे थे। उनके पास एक बैग था, उसमें वर्दी, जूते, नेम प्लेट व दूसरा सामान था। उनको वापस रायपुर लौटना था, इसलिए बैग भोपाल रेलवे स्टेशन पर अमानती समान घर में रख दिया और चले गए। वे वापस लौटते तब तक ट्रेन सेवा बंद हो गई।
अमानती सामान घर भी लॉक कर दिया गया। इसी बीच जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी पर रायपुर पहुंचे, लेकिन उनकी वर्दी भोपाल में ही थी। उन्होंने भोपाल रेलवे के अधिकारियों से संपर्क किया। उन्हें वर्दी व अन्य सामान के बारे में जानकारी दी। मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक सीपी पांडे ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जवान से रसीद मंगवाई। रेलवे ने 19 मई को 92 रुपये अपनी तरफ से खर्च कर वर्दी व सामान रायपुर के लिए बुक कराया और भोपाल-रायपुर पार्सल एक्सप्रेस से भिजवा दिया। जवान के रिश्तेदारों ने वर्दी मिलने की पुष्टि की है।
भोपाल रेल मंडल का सौभाग्य है कि जवान की मदद करने का मौका मिला और हमारे रेलकर्मियों ने विश्वसनीयता के साथ मदद भी पहुंचाई। पूर्व में भी रेलकर्मी कैंसर पीडि़त मरीज को इंजेक्शन पहुंचाने में मदद कर चुके हैं। प्रवासी कामगारों की सेवा में भी मंडल पीछे नहीं है। 10 लाख से अधिक भोजन पैकेट, इतनी ही पानी की बोतल वितरित कर चुके हैं।
- उदय बोरवणकर, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल