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फटिईलाइजर की ढुलाई को लेकर रेलवे को किया गया सतर्क

रेलवे के साथ दैनिक आधार पर फर्टिलाइजर आपूर्ति में ट्रेनों के संचालन का समन्वय करता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:46 PM (IST)
फटिईलाइजर की ढुलाई को लेकर रेलवे को किया गया सतर्क
फटिईलाइजर की ढुलाई को लेकर रेलवे को किया गया सतर्क

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रबी फसलों की बुवाई के लिए राज्यों की जरूरत के हिसाब से हर तरह के फर्टिलाइजर आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है। केंद्रीय फर्टिलाइजर मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि फसलों की बुवाई को देखते हुए हर खेत तक खाद पहुंचाने का पक्का बंदोबस्त किया गया है। इसे लेकर उनका मंत्रालय लगातार राज्यों के संपर्क में है। सरकार ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। खाद की ढुलाई के लिए रेलवे को अतिरिक्त माल डिब्बों की उपलब्धता के साथ सतर्क रहने को कहा गया है।

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गौड़ा ने कहा कि मंत्रालय खाद कंपनियों के उत्पादन और स्टॉक पर बराबर नजर रखे हुए हैं। रबी सीजन की फसलों की बुवाई के हिसाब से सबसे अहम समय होने के नाते राज्य के साथ मिलकर खाद की जरूरतों को पूरा करने और उसकी आपूर्ति की निगरानी पर जोर दिया जा रहा है। आपूर्ति श्रृंखला की नियमित रूप से रोजाना निगरानी की जाती है। फर्टिलाइजर मंत्री गौड़ा ने कहा कि राज्यों के साथ कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय और उनके मंत्रालय ने संयुक्त रूप से साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंसिंग में गहन समीक्षा की है। सभी राज्यों ने अपने यहां खाद का पर्याप्त स्टॉक होने की बात कही है।

रेलवे के साथ दैनिक आधार पर फर्टिलाइजर आपूर्ति में ट्रेनों के संचालन का समन्वय करता है। गौड़ा ने बताया कि बीते खरीफ सीजन में रेलवे ने फर्टिलाइजर की ढुलाई के लिए पर्याप्त माल डिब्बे उपलब्ध कराये थे। वर्ष 2017 के खरीफ सीजन के मुकाबले 2018 के खरीफ सीजन में फर्टिलाइजर ढुलाई के लिए ढाई सौ से अधिक रेल डिब्बे मुहैया कराये गये थे।

चालू खरीफ सीजन (अक्तूबर 2018 से मार्च 2019) में यूरिया की कुल 15.59 करोड़ टन जरूरत का अनुमान लगाया गया है। यूरिया की यह मांग दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले सप्ताह में होती है। इस मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कारखानों से तैयार 12.9 करोड़ टन यूरिया के अलावा यूरिया की शेष मात्रा आयात की जा रही है। केंद्रीय मंत्री गौड़ा ने बताया कि बुवाई के लिए जरूरी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) का आयात पर्याप्त मात्रा में ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) में किया जा रहा है।


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