राहुल के मायावती पर तीखे बोल
अहम मौकों पर बसपा भले ही केंद्र सरकार का समर्थन कर रही हो, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसका लिहाज कर उसकी मुखिया मायावती पर मुरव्वत के लिए तैयार नहीं हैं। मायावती पर उत्तर प्रदेश में कोई भी दलित नेता नहीं उभरने देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बसपा सुप्रीमो पर तंज कसा कि कांशीराम का आंदोलन रोक दिया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्यक्रम में दलितों की समस्याओं को उठाते हुए राहुल ने बसपा सुप्रीमो पर तीखा हमला बोला।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अहम मौकों पर बसपा भले ही केंद्र सरकार का समर्थन कर रही हो, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसका लिहाज कर उसकी मुखिया मायावती पर मुरव्वत के लिए तैयार नहीं हैं। मायावती पर उत्तर प्रदेश में कोई भी दलित नेता नहीं उभरने देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बसपा सुप्रीमो पर तंज कसा कि कांशीराम का आंदोलन रोक दिया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्यक्रम में दलितों की समस्याओं को उठाते हुए राहुल ने बसपा सुप्रीमो पर तीखा हमला बोला।
राहुल ने कहा कि दलितों के उत्थान के लिए कांशीराम ने आंदोलन शुरू किया, लेकिन उनके बाद इस आंदोलन पर काम नहीं हुआ। पूरे देश में 200-300 लोग ही हैं, जो लोकसभा या विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार चुनते हैं। बकौल राहुल, सारे राजनीतिक अधिकार इन्हीं लोगों के पास हैं। आम आदमी के पास अपना नेता चुनने का हक भी नहीं है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कांग्रेस में जातीय भेदभाव नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि उनका परिवार किसी तरह के भेद को नहीं मानता। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में दलितों के पांच नेता तक नहीं हैं। सिर्फ मायावती का कब्जा है। मैं चाहता हूं कि दलित कांग्रेस पर अपना विश्वास बनाएं और अपने आप को इस पार्टी की रीढ़ की हड्डी समझें।' राहुल ने शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में दलितों को सही अवसर मुहैया कराने की जरूरत बताई।
राहुल ने मायावती पर कांशीराम की परंपरा को रोकने का आरोप ऐसे मौके पर लगाया गया है, जब बसपा के भीतर ही खासी कलह है। बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद कुरील ने मायावती के खिलाफ 'बहुजन आंदोलन बचाओ राष्ट्रीय आंदोलन' छेड़ रखा है। 'मायावती हटाओ और बसपा बचाओ' का नारा देकर कांशीराम के समय के पुराने लोगों को एकजुट किया जा रहा है। कार्यक्रम के बाद राहुल ने बताया कि सोनिया जी की तबीयत अब पहले से बेहतर है। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ मनरेगा और आरटीआइ जैसे विधेयकों का भी जिक्र करना कांग्रेस उपाध्यक्ष नहीं भूले। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों से समाज का स्तर बढ़ा है।
'उत्तर प्रदेश में कोई दलित नेता नहीं उभरने दिया गया। यूपी में सिर्फ मायावती का कब्जा है। इसलिए अब लोगों को अपना नेता खुद बनाना पड़ेगा न कि कोई पार्टी बनाएगी।'
-राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
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