नोटबंदी पर कांग्रेस के सियासी सम्मेलन की कमान संभालेंगे राहुल
राहुल की अगुवाई में बुधवार को हो रहे इस एक दिनी सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के तमाम दिग्गज और देश भर से बुलाए गए कार्यकर्ता इसमें शरीक होंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस के सबसे बड़े राजनीतिक जलसे की कमान भी पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी संभालेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नोटबंदी पर पार्टी के जन वेदना सम्मेलन में शिरकत नहीं करेंगी। राहुल की अगुवाई में बुधवार को हो रहे इस एक दिनी सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के तमाम दिग्गज और देश भर से बुलाए गए कार्यकर्ता इसमें शरीक होंगे। नोटबंदी के एलान के बाद प्रधानमंत्री देश से किए वादों के मुद्दे को उठाकर कांग्रेस ने यह साफ संकेत दे दिया कि इस सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर सियासी तीर चलाए जाएंगे।
नोटबंदी के 50 दिन बाद भी देश में लोगों की जारी कतारबंदी से लेकर कामगार वर्ग के रोजगार छीनने को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में इस जन वेदना सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसमें पार्टी के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। माना जा रहा कि सोनिया आयोजन में शरीक न होकर राहुल को अकेले पार्टी के इस बड़े सियासी मंच की कमान संभालने का मौका देना चाहती हैं। वैसे राहुल को पार्टी अध्यक्ष की कमान सौंपा जाना समय की बात है और माना जा रहा कि यह सम्मेलन उनकी ताजपोशी का आधार तैयार करेगा।
मोदी हटाओ देश बचाओ नारे के साथ टीएमसी का प्रदर्शन जारी
कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने औपचारिक पुष्टि करते हुए कहा कि सोनिया सम्मेलन में शामिल नहीं होंगी और राहुल ही जन वेदना सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। राहुल के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी नोटबंदी के आर्थिक प्रभावों पर सम्मेलन में भाषण देंगे।
प्रधानमंत्री के देश से 50 दिन मांगने और नोटबंदी से हालात नहीं बदलने पर कोई भी सजा मंजूर होने के बयान समेत इस मुद्दे पर सरकार के कई फैसलों की खामियां गिना कांग्रेस ने सम्मेलन की सियासी दिशा का संदेश दे दिया। गोहिल ने कहा कि जाहिर तौर पर सम्मेलन में पीएम से पूछा जाएगा कि अब वह सजा के लिए कैसे तैयार होंगे। सम्मेलन में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव भी पास होगा जिनकी मौत नोटबंदी की वजह से हुई। इसी तरह इंदिरा गांधी की 100वीं जयंती को लेकर भी पार्टी प्रस्ताव पारित करेगी।
बैंकों में जमा प्रतिबंधित नोटों में 3 से 4 लाख करोड़ रुपये कालाधन