..इन चुनावों को लेकर पब्लिक में था जबरदस्त क्रेज
नई दिल्ली। इन चुनावों को 2014 लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। इन चुनावों के परिणामों को लेकर पब्लिक में जो उत्सुकता है, उससे लगता है कि सेमिफाइनल की एक टीम इंडिया तो है ही, दूसरी पाकिस्तान है। कई दिनों से पब्लिक को
नई दिल्ली। इन चुनावों को 2014 लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। इन चुनावों के परिणामों को लेकर पब्लिक में जो उत्सुकता है, उससे लगता है कि सेमिफाइनल की एक टीम इंडिया तो है ही, दूसरी पाकिस्तान है। कई दिनों से पब्लिक को 8 दिसंबर का इंतजार था।
एक मशहूर फिल्म के डॉयलॉग की तरह है- होली कब है? कब है होली? बोले तो काउंटिंग कब है? कब है काउंटिंग? जी हां। यह बताता है कि इस दिन के लिए पब्लिक कितना उत्सुक थी।
कई कारण हैं
-क्या छत्तीसगढ़ में रमन सिंह अपनी सत्ता बरकरार कर भाजपा को 2014 का फाइनल जीतने के लिए कुछ योगदान दे सकेंगे या नहीं।
-राजस्थान में अशोक गहलोत अपनी सत्ता बचा कर कांग्रेस को संजीवनी देने का काम कर सकते हैं या नहीं?
- क्या मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अपनी हैट्रिक बना कर नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली की दौड़ में खड़े हो सकेंगे या नहीं
-क्या अन्ना केआंदोलन में 20-20 खेल कर पॉलिटिक्स के मैदान में उतरे अरविंद केजरीवाल का टेस्ट टीम में पदार्पण हो पाएगा या नहीं? इससे बड़ा भी एक कारण है
-'नोटा' हाल के दिनों में मध्यम वर्गीय वोटरों के बीच राइट टु रिजेक्ट और राइट टु रिकॉल जैसे शब्द बहुत पॉपुलर हुए हैं। आंदोलने में भी इसके नारे गूंजे हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों में ईवीएम मशीन में राइट टु रिजेक्ट का बटन लगाने का आदेश दिया। ईवीएम में आखिरी बटन लगा दिया गया, ताकि कोई वोटर अपनी सीट के प्रत्याशियों में से किसी को भी वोट देने लायक नहीं पाता है तो वह 'नन आफ अवब (नोटा)' पर अंगुली रख कर अपने मन की बात कह सकता है। नोटा नाम से मशहूर हुए इस बटन ने जागरुक लोगों को लुभाया भी है।
इन चुनावों में हांलांकि 'नोटा' वोटों के पास वह ताकत नहीं कि अगर किसी सीट पर नोटा वोट सबसे ज्यादा हों तो वहां दोबारा मतदान करा सके। लेकिन पब्लिक को लगता है कि धीरे-धीरे वह अधिकार भी मिल जाएगा जब वह कैंडिडेट लिस्ट के प्रत्याशियों को नकार कर कहे हमें इन में से कोई भी पसंद नहीं। भारतीय राजनीति में धीरे से घुस आया यह नोटा बटन वाकई बहुत 'नटोरियस' है।
चलते-चलते
इस बीच कहा जा रहा है - शीला दीक्षित ने दिल्ली के उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा फैक्स कर दिया है। 5 सीटों के रिजल्ट आ चुके हैं, जिनमें 3 आम आदमी पार्टी और 2 भाजपा को गईं हैं।
उधर, छत्तीसगढ़ में अगर कांग्रेस और भाजपा बराबर के करीब रहते हैं, और कांग्रेस को एक-दो विधायकों की जरूरत पड़ती है तो अजीत जोगी का रोल महत्वपूर्ण हो जाएगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश अपने ट्रेंड के अनुरूप ही आगे बढ़ रहे हैं।
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