जम्मू-कश्मीर: समझिए राज्यपाल और राष्ट्रपति शासन में इस महीन फर्क को
छह महीने के बाद राष्ट्रपति इसे छह महीने के लिए और बढ़ा सकते हैं तब इसे राष्ट्रपति शासन कहा जाएगा।
नई दिल्ली,जेएनएन। जम्मू कश्मीर को भारत के संविधान में विशेष दर्जा प्राप्त है इसीलिए यहां राज्यपाल और राष्ट्रपति शासन लगने के प्रावधान भी देश के अन्य हिस्सों से भिन्न हैं। राज्य में संवैधानिक तंत्र फेल होने पर जम्मू कश्मीर संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल छह महीने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी से राज्य में राज्यपाल शासन लगा सकते हैं। छह महीने के बाद राष्ट्रपति इसे छह महीने के लिए और बढ़ा सकते हैं तब इसे राष्ट्रपति शासन कहा जाएगा।
जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर पार्टी के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह कहते हैं कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में मिले अधिकारों के तहत राष्ट्रपति जम्मू कश्मीर में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं लेकिन राष्ट्रपति शासन छह महीने से ज्यादा बढ़ाने के लिए उसे संसद से मंजूर कराना पड़ता है।
इस प्रक्रिया से छह छह महीने बाद संसद की मंजूरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले 8 जनवरी 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा था जो कि 4 अप्रैल 2016 तक यानि कुल 87 दिन तक जारी रहा था।