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दिल्ली में अब राष्ट्रपति शासन के आसार

जन लोकपाल बिल को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के आसार बढ़ गए हैं। उपराज्यपाल नजीब जंग विधानसभा को अगले छह महीने की अवधि के लिए निलंबित कर केंद्र से राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं। विधानसभा में 32 सीटों वाली भाजपा पहले नंबर

By Edited By: Published: Sat, 15 Feb 2014 12:07 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2014 07:30 AM (IST)
दिल्ली में अब राष्ट्रपति शासन के आसार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जन लोकपाल बिल को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के आसार बढ़ गए हैं। उपराज्यपाल नजीब जंग विधानसभा को अगले छह महीने की अवधि के लिए निलंबित कर केंद्र से राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं।

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विधानसभा में 32 सीटों वाली भाजपा पहले नंबर की पार्टी है। यदि वह पहल करे तो सरकार बना सकती है। लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब आम आदमी पार्टी अथवा कांग्रेस में बगावत हो। ऐसा करने पर भाजपा पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगेगा। शायद यही वजह है कि पार्टी की ओर से यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी दिल्ली में तत्काल सरकार बनाने की पहल नहीं करेगी। भाजपा को सरकार बनाने के लिए कम से कम पांच विधायकों की जरूरत होगी। विधानसभा में बहुमत के लिए 36 का आंकड़ा चाहिए जबकि एक सदस्य को अध्यक्ष भी बनाना होगा।

पढ़ें: उपराज्यपाल की चिट्ठी ने रोकी केजरीवाल की राह

निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन और आप से निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी भाजपा के साथ आ सकते हैं। लेकिन तीन और सदस्यों का समर्थन हासिल करना कतई आसान नहीं है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने की पहल नहीं करेगी। उनका इशारा इस ओर था कि पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए किसी भी दल में तोड़ फोड़ करने की तोहमत अपने सिर नहीं लेना चाहती। वह पहले भी यही बात कहते रहे हैं।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने तक केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार को पद पर बने रहने के लिए कहा जा सकता है। इस मामले में गेंद अब पूरी तरह केंद्र सरकार के पाले में है। मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर विधानसभा को भंग किए जाने की सिफारिश के मद्देनजर आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अल्पमत की सरकार द्वारा की गई सिफारिश को मानने के लिए उपराज्यपाल बाध्य नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि आगे क्या करना है, यह सबकुछ उपराज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है।


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