Violence on Prophet Remarks: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत, जानें क्या दी दलील
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी से उत्पन्न विवाद की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश में बुलडोजर चलाकर उपद्रवियों का घर गिराने के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जानें जमीयत उलमा-ए-हिंद ने क्या दी है दलील...
नई दिल्ली, आइएएनएस। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी से उत्पन्न विवाद की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश में बुलडोजर चलाकर उपद्रवियों का घर गिराने के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जमीयत ने शीर्ष अदालत से मांग की है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दे कि उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे से किसी के मकान पर बुलडोजर नहीं चलाया जाए।
कबीर दीक्षित और सरीम नावेद के जरिये दायर याचिका में जमीयत ने कथित रूप से कानून का उल्लंघन करते हुए मकान गिराने के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति अधिक चिंताजनक है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में समान परिस्थितियों में किए जा रहे विध्वंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
जमीयत के अनुसार, मौजूदा हालात अधिक चिंताजनक हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर पश्चिमी दिल्ली में समान परिस्थितियों में दंडात्मक उपाय के तौर पर किए जा रहे विध्वंस पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। ऐसे में यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और सहारनपुर में शुक्रवार (10 जून) को नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। लोगों ने पैगंबर पर भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं की टिप्पणी का विरोध करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। प्रयागराज शहर में 10 जून को भड़की हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप की पहचान हुई थी। इसके बाद रविवार को उसके आवास पर बुलडोजर पहुंचा था।