चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण फिर टला, अब जनवरी 2019 में पूरा होगा सपना
चंद्रयान-2 को सबसे पहले अप्रैल में ही पृथ्वी से रवाना किया जाना था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चांद पर उतरने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को फिर से टाल दिया गया है। इसे अक्टूबर में भेजा जाना था, लेकिन अब भारत का यह सपना जनवरी 2019 से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
बता दें कि चंद्रयान-1 और मंगलयान मिशन के बाद चंद्रयान-2 इसरो के लिए एक बहुत बड़ा मिशन है। इसरो से जुड़े अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।' ऐसे में अब चंद्रयान-2 मिशन को जनवरी में रवाना किया जा सकता है। इस संबंध में इसरो अध्यक्ष के. सिवन से संपर्क नहीं हो पाया है। अप्रैल में उन्होंने सरकार को अक्टूबर-नवंबर में होने वाले प्रक्षेपण को टालने की सूचना दी थी। चंद्रयान-2 की समीक्षा करने वाली एक राष्ट्रीय स्तर की समिति ने इस मिशन से पहले कुछ अतिरिक्त परीक्षण की सिफारिश की थी। चंद्रयान-2 को सबसे पहले अप्रैल में ही पृथ्वी से रवाना किया जाना था।
चांद पर रोवर उतारने की पहली कोशिश
चंद्रयान-2 चांद पर रोवर उतारने की इसरो की पहली कोशिश है। इस पर करीब 800 करोड़ का खर्चा आया है और यह चांद के दक्षिणी धु्रव पर उतरेगा। चांद के इस हिस्से की ज्याद जांच-पड़ताल अब तक नहीं हुई है।
इसरो के लिए था बड़ा धक्का
इससे पहले इसरो एक साल के भीतर दो बड़ी असफलताओं को झेल चुका है। इस साल की शुरुआत में इसरो ने सैन्य उपग्रह जीएसएटी-6ए प्रक्षेपित किया था, लेकिन इस उपग्रह के साथ इसरो का संपर्क टूट गया था। इसके बाद इसरो ने फ्रेंच गुयाना से प्रक्षेपित होने वाले जीएसएटी-11 के प्रक्षेपण को यह कहते हुए टाल दिया था कि इसकी कुछ अतिरिक्त तकनीकी जांच की जाएगी।
पिछले साल सितंबर में आइआरएनएसएस-1एच नौवहन उपग्रह को लेकर जा रहे पीएसएलवी-सी-39 मिशन अभियान भी असफल रहा था, क्योंकि इसका हीट शील्ड नहीं खुलने की वजह से उपग्रह नहीं छोड़ा जा सका।