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मध्‍य प्रदेश में 14% से ज्यादा ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सशर्त मंजूरी

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC Reservation) के लिए 14 फीसद से अधिक आरक्षण पर पूर्व में लगाई गई रोक बरकरार रखी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 03:37 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश में 14% से ज्यादा ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सशर्त मंजूरी
मध्‍य प्रदेश में 14% से ज्यादा ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सशर्त मंजूरी

जबलपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 14 फीसद से अधिक आरक्षण पर पूर्व में लगाई गई रोक बरकरार रखी है। जबलपुर स्थित मुख्य पीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगलपीठ ने राज्य शासन को इस शर्त पर शिक्षक चयन प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी है कि इस प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की गई है।

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अध्यादेश को हाई कोर्ट में चुनौती

जबलपुर निवासी छात्रा आकांक्षा दुबे एवं अन्य ने सरकार के आठ मार्च 2019 को जारी संशोधन अध्यादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इसमें कहा गया कि संशोधन के कारण प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़कर 27 फीसद हो गया है। इससे कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 63 हो गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता।

नियुक्ति की प्रक्रिया में 27 फीसद पद आरक्षित

एक अन्य याचिका में कहा गया कि एमपी पीएससी ने नवंबर 2019 में 450 शासकीय पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में 27 प्रतिशत पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिए हैं। वहीं राजस्थान निवासी शांतिलाल जोशी सहित पांच छात्रों ने एक अन्य याचिका में कहा कि 28 अगस्त 2018 को मप्र सरकार ने 15,000 उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षकों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर भर्ती परीक्षा कराई।

सरकार ने लाया था अध्यादेश

20 जनवरी 2020 को इस संबंध में सरकार ने इन पदों पर भी 27 फीसद ओबीसी आरक्षण लागू करने की नियम निर्देशिका जारी कर दी थी। अधिवक्ताओं ने दलील दी कि भर्ती प्रक्रिया 2018 में आरंभ हुई लेकिन राज्य सरकार ने 2019 का अध्यादेश इसमें लागू किया। यह अनुचित है।

2019 में हाई कोर्ट स्थगित कर चुकी है आदेश

अधिवक्ता आदित्य संघी ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि हाइ कोर्ट ओबीसी आरक्षण 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसद करने का आदेश 2019 में स्थगित कर चुकी है। इसलिए किसी भी सरकारी भर्ती या शैक्षणिक प्रवेश प्रक्रिया में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

मेडिकल प्रवेश पर लगाई थी रोक

19 मार्च 2019 को कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश में 14 फीसद से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसी आदेश को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने 28 जनवरी को एमपीपीएससी की करीब 400 भर्तियों में भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

नहीं मानी आदेश वापस लेने की गुजारिश

उक्त आदेश को वापस लेने के सरकार के आग्रह को सोमवार को हाई कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। राज्य सरकार की ओर से उप-महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को इस शर्त पर उक्त भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दे दिए कि चयन प्रक्रिया को हाई कोर्ट में याचिका लंबित रहने तक अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा।


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