निजी क्षेत्र को मिलेगी कोयला ब्लाक इस्तेमाल की आजादी
अगले वर्ष होगा वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए कोयला ब्लाकों का आवंटन..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऊर्जा क्षेत्र पर विदेशों पर निर्भरता कम करना सरकार का एक अहम एजेंडा है। देश के ऊर्जा मंत्रालयों ने बजट के संदेश को इस संदेश को समझने में कोई देरी नहीं की है और उन्होंने अगले वर्ष की योजनाओं की तैयारी भी शुरु कर दी है। इस दिशा में कोयला मंत्रालय ने ऐलान किया है कि वह अगले वित्त वर्ष के दौरान देश में पहली बार वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लाकों की नीलामी करेगा। इसका मतलब यह हुआ कि जो कंपनियां कोयला ब्लाक खरीदेंगी वे उसका इस्तेमाल करने के स्वतंत्र होंगी। यानी चाहे तो वह खुद इस्तेमाल कर सकती हैं या चाहे तो कोयले की बिक्री कर सकती हैं।
देश के ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल मानते हैं कि वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लाकों का आवंटन सबसे युगांतकारी कदम होगा। वैसे अगले वर्ष सरकार की तरफ से 25 कोयला ब्लाकों की नीलामी की जानी है। इनमें से कुछ बिजली कंपनियों के लिए होंगी और कुछ गैर बिजली कंपनियों (स्टील, सीमेंट आदि) के लिए होंगी। इसमें से चार निजी कंपनियों को उनके मर्जी से इस्तेमाल के लिए आवंटित होगी।
इस कोयले की कीमत भी निजी कंपनियां स्वयं तय करेंगी। यह पूरी तरह से खुली व पारदर्शी निविदा के जरिए होगा। सनद रहे कि कोयला ब्लाकों का आवंटन भारत में पिछले छह वर्षो से राजनीतिक तौर पर काफी संवेदनशील मामला रहा है। पूर्व यूपीए सरकार पर नीतियों को ताक पर रख कर निजी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर काफी आरोप लगे थे। सुप्रीम कोर्ट ने दर्जनों ब्लाकों का आवंटन रद्द कर दिया था।
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