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निजी प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट करना होगा सार्वजनिक सेवा प्रसारण, सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया परामर्श

सरकार ने सोमवार को कहा कि निजी टीवी चैनलों को प्रतिदिन 30 मिनट सार्वजनिक सेवा प्रसारकों का कार्यक्रम अनिवार्य रूप से प्रसारित करना होगा। निजी प्रसारक छोटे-छोटे स्लाट में कार्यक्रमों का प्रसारण कर सकते हैं। निजी प्रसारकों को प्रसारण सेवा पोर्टल पर एक मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Tue, 31 Jan 2023 02:03 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 02:03 AM (IST)
निजी प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट करना होगा सार्वजनिक सेवा प्रसारण,  सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने जारी किया परामर्श
निजी प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट करना होगा सार्वजनिक सेवा प्रसारण।

नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने सोमवार को कहा कि निजी टीवी चैनलों को प्रतिदिन 30 मिनट सार्वजनिक सेवा प्रसारकों का कार्यक्रम अनिवार्य रूप से प्रसारित करना होगा। हालांकि, निजी चैनलों को राहत देते हुए सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने एक परामर्श जारी कर कहा कि इस बात की कोई जरूरत नहीं है कि सार्वजनिक सेवा प्रसारकों का 30 मिनट का कार्यक्रम लगातार प्रसारित किया जाए। निजी प्रसारक छोटे-छोटे स्लाट में कार्यक्रमों का प्रसारण कर सकते हैं।

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राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक मुद्दों पर करना होगा कार्यक्रमों का प्रसारण

निजी प्रसारकों को प्रसारण सेवा पोर्टल पर एक मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। पिछले साल नवंबर में सूचना प्रसारण-मंत्रालय ने नई सेवा शर्तें जारी करते हुए निजी चैनलों से कहा था कि वह प्रति दिन 30 मिनट सार्वजनिक सेवा प्रसारकों का कार्यक्रम प्रसारित करे। राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक मुद्दों पर आठ विषयों के तहत निजी प्रसारकों को कार्यक्रमों का प्रसारण करना होगा। पिछले साल नौ नवंबर को मंत्रालय द्वारा निर्धारित अपलिंकिंग-डाउनलिंकिंग नियमों के तहत नए दिशा-निर्देश तय किए गए थे।

प्राइम वीडियो जैसे मंचों के नियमन पर ट्राई ने जारी किया परामर्श पत्र

नेटफ्लिक्स, हाटस्टार और प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी मंचों से जुड़े जटिल कानूनी प्रारूप में आमूलचूल बदलाव के लिए दूरसंचार एवं प्रसारण नियामक ट्राई ने सोमवार को एक परामर्श पत्र जारी किया। परामर्श पत्र के जरिये ट्राई ने संबंधित पक्षों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। इसने कहा कि बड़ी संख्या में ओटीटी आ जाने से प्रसारण क्षेत्र काफी जटिल हो गया है। ओटीटी क्रांति ने कंटेंट रेगुलेशन के क्षेत्र में कई अंतर पैदा कर दिया है।

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