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सिर्फ 120 रुपये में ग्रामीण परिवारों को मिलती हैं प्राइमरी चिकित्सा सुविधाएं

देश के छह राज्यों में ग्रामीण परिवारों को 120 रुपये सालाना के खर्च पर प्राथमिक चिकित्सा और शुरुआती जांच की सुविधा उपलब्ध है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 08:34 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 08:34 PM (IST)
सिर्फ 120 रुपये में ग्रामीण परिवारों को मिलती हैं प्राइमरी चिकित्सा सुविधाएं
सिर्फ 120 रुपये में ग्रामीण परिवारों को मिलती हैं प्राइमरी चिकित्सा सुविधाएं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की स्थिति में सुधार हो न हो, लेकिन अभी भी देश के छह राज्यों में ग्रामीण परिवारों को 120 रुपये सालाना के खर्च पर प्राथमिक चिकित्सा और शुरुआती जांच की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा ग्रामीण हेल्थकेयर के नाम से सहकारी क्षेत्र की खाद कंपनी इफको की एक सहायक कंपनी दे रही है। ग्रामीण हेल्थकेयर इन राज्यों में सौ क्लिनिक संचालित करती है और जहां क्लिनिक नहीं हैं वहां कैम्प लगाकर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

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-ग्रामीण हेल्थकेयर की सौ क्लिनिक के जरिए डेढ़ लाख परिवारों तक पहुंच

ग्रामीण हेल्थकेयर में इफको की 26 फीसद इक्विटी है। इफको बाजार के साथ इसकी सहभागिता है। यानी इफको बाजार में ग्रामीण हेल्थकेयर के क्लिनिक हैं जहां डाक्टर मरीजों की जांच करते हैं। इन छहों राज्यों में ग्रामीण हेल्थकेयर के करीब 100 क्लिनिक चलते हैं। क्लिनिक की यह संख्या पिछले डेढ़ साल की अवधि में बनी है।

ग्रामीण हेल्थकेयर के निदेशक अजय खंडेरिया ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि क्लिनिक के अतिरिक्त वे कैम्पों के जरिए भी ग्रामीणों तक पहुंचते हैं। इन राज्यों में अगस्त 2017 तक 4870 कैम्प लगाये जा चुके हैं। हर महीने करीब 800 कैम्प लगाये जाते हैं।

खंडेरिया ने बताया कि ग्रामीण हेल्थकेयर चार सदस्यों वाले ग्रामीण परिवार को 120 रुपये सालाना की दर पर यह सुविधा उपलब्ध कराती है। इस राशि के बदले उन्हें ग्रामीण हेल्थ कार्ड दिया जाता है। 120 रुपये की कीमत वाले इस कार्ड में उन्हें 750 रुपये मूल्य की चिकित्सा सेवाएं मिलती हैं। इनमें कंसल्टेशन के साथ साथ ईसीजी और शुरुआती अन्य जांच उपलब्ध होती हैं।

उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में ग्रामीण हेल्थकेयर अब तक डेढ़ लाख परिवारों तक पहुंच चुकी है। क्लिनिक और कैम्पों में आने वाले मरीजों को आगे के इलाज के लिए आसपास के उन अस्पतालों में भेजा जाता है जिनके साथ ग्रामीण हेल्थकेयर का करार है। क्लिनिक और केंद्रों में हर महीने करीब 19000 मरीजों की जांच होती है, और यह आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है।

खंडेरिया ने कहा कि करार उन्हीं अस्पतालों के साथ किया जाता है जो सस्ती दरों पर इलाज और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की हामी भरते हैं। 


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