बदहाल सड़क के कारण गांव तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, प्रसूता को कपड़े की झोली में टांगकर पैदल लाए
एक प्रसूता को परिजन चार किमी दूर तक कपड़े की झोली में टांगकर लाए, तब जाकर उन्हें 108-एंबुलेंस मिली।
सिद्दीकगंज/सीहोर (नईदुनिया)। श्यामपुरा ग्राम पंचायत के बरखल रूपकुंड गांव की एक प्रसूता को परिजन चार किमी दूर तक कपड़े की झोली में टांगकर लाए, तब जाकर उन्हें 108-एंबुलेंस मिली। इससे उसे सिद्धिगंज अस्पताल पहुंचाया। वहां उसने बच्ची को जन्म दिया। गांव तक पक्की सड़क न होने के कारण यह स्थिति बनी।
1200 की आबादी वाला आदिवासी बाहुल्य ग्राम बरखल रूपकुंड में भूमिपूजन के चार साल बाद भी सड़क नहीं बनी। बारिश के दिनों में कच्ची सड़क पर कीचड़ से दिक्कतें होती हैं। बुधवार को गांव के निवासी प्रताप सिंह बरेला की पत्नी सुनीताबाई (21) को प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर प्रतापसिंह ने 108-एंबुलेंस बुलाई। जो श्यामपुरा तक ही आ पाई। परिजनों ने बड़े डंडे पर कपड़े की झोली बनाई और उसमें सुनीता को लेकर पैदल श्यामपुरा आए। जहां उन्हें एंबुलेंस मिली।
खेत सड़क योजना में होना है निर्माण
सरपंच कैलाश रावत के अनुसार वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना के तहत श्यामपुरा से रूपकुंड तक चार किमी लंबी सड़क बनाने 13.11 लाख रपए की मंजूरी मिली थी। मद नहीं होने से निर्माण नहीं हो पा रहा है।