डार्विन विवाद में जावड़ेकर बोले, बोलने से गुरेज करें सत्यपाल
जावड़ेकर ने इस बात से इन्कार किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय डार्विन के सिद्धांत को गलत ठहराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन करना जा रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को गलत ठहराने पर चर्चा में आए मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री को उनके वरिष्ठ ने सलाह दी है कि ऐसे मसलों पर बोलने से गुरेज करें। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस मसले पर उनकी सत्यपाल सिंह से बात हुई है। उन्हें केवल यह कहा गया है कि इस तरह के वैज्ञानिक तथ्यों पर कुछ भी कहने से बचें।
जावड़ेकर ने इस बात से इन्कार किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय डार्विन के सिद्धांत को गलत ठहराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन करना जा रहा है। उनका कहना था कि हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है कि किसी वैज्ञानिक को गलत ठहराया जाए।
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले सत्यपाल सिंह ने औरंगाबाद में डार्विन के विकास के सिद्धांत को गलत ठहराते हुए कहा था कि इसे पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने सोमवार को गुवाहाटी में भी अपनी बात का समर्थन किया। हालांकि उनकी बात से तैश में आए इंडियन नेशनल साइंस अकादमी नई दिल्ली, इंडियन अकादमी ऑफ साइंस बेंगलुरु व नेशनल अकादमी ऑफ साइंस इलाहाबाद के दो हजार वैज्ञानिकों ने मंत्री के वक्तव्य की निंदा की है। उनका कहना है कि विकास के सिद्धांत को खारिज करना गलत है।
औरंगाबाद के आल इंडिया वैदिक सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि किसी ने बंदर को मनुष्य बनते नहीं देखा। धरती पर मानव का अवतरण मानव के रूप में हुआ था। हमारे पूर्वजों ने न तो कहीं बताया है और न ही कहीं कहा है कि उन्होंने बंदर को मनुष्य बनते हुए देखा था।