साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को संसद में भी बताया देशभक्त, भड़के विपक्ष ने पीएम मोदी से मांगा स्पष्टीकरण
साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है। इस बार संसद में साध्वी प्रज्ञा ने ये बात कही हालांकि सदन की कार्रवाई से उनके बयान को निकाल दिया गया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है। इस बार संसद में साध्वी प्रज्ञा ने ये बात कही, हालांकि सदन की कार्रवाई से उनके बयान को निकाल दिया गया। प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एक बहस के दौरान गोडसे को देशभक्त बताया। इस पर विपक्षी नेताओं को एक बार फिर भाजपा पर हमला करने का एक मौका मिल गया। यह पहली बार नहीं है, जब साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया है। इससे पहले ऐसे ही एक बयान की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा था कि वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे।
भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कांग्रेस का हमलावर होना लाजिमी था। कांग्रेस ने कहा है कि अब देश मोदी और भाजपा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएगा। दरअसल, जब लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई, तब डीएमके के सांसद ए. राजा, गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा। ये सुनते ही साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें तुरंत टोक दिया। उन्होंने कहा, 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते।' इस बयान पर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया। इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान को लोकसभा की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि सिर्फ ए राजा के बयान को ही दर्ज किया जाए।
बता दें कि राजा ने कहा था कि गोडसे ने खुद कबूला था कि 32 सालों से उसने गांधी के खिलाफ दिल में रंजिश पाल रखी थी और आखिरकार उसने उनकी हत्या का फैसला किया। राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी की हत्या इसलिए की कि वह एक खास विचारधारा को मानता था। राजा के बयान के वक्त जब प्रज्ञा ठाकुर ने खड़े होकर उन्हें टोका तो विपक्षी सदस्य विरोध करने लगे और भाजपा के कई सदस्य उन्हें बैठने के लिए बोलते दिखे। इसके बाद कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को अपने बयान पर सदन से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। ये बयान उन्होंने एक रोड शो के दौरान दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक इंटरव्यू के दौरान कहना पड़ा कि इस बयान की वजह से वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। तब भाजपा ने खुद को साध्वी प्रज्ञा के बयान से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि, इस बार भाजपा की ओर से अभी तक साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के मुद्दे पर सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने की टिप्पणी का समर्थन करते हैं?