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टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते पोस्टर: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं की जा सकती

पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए कोरोना टीकाकरण नीति पर सवाल उठाने वाले पोस्टरों के मामले में दर्ज एफआइआर रद करने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं की जा सकती।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:00 PM (IST)
टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते पोस्टर: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं की जा सकती
पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए टीकाकरण नीति पर सवाल उठाने वाले पोस्टर लगाने का मामला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कोरोना टीकाकरण नीति पर सवाल उठाने वाले पोस्टरों के मामले में दर्ज एफआइआर रद करने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इन्कार कर दिया। कोर्ट ने जनहित याचिका दाखिल कर एफआइआर रद करने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता से कहा कि तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं की जा सकती।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एफआइआर रद करने से आपराधिक कानून में गलत नजीर बनेगी

कोर्ट ने कहा कि इससे आपराधिक कानून में गलत नजीर बनेगी। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि इस याचिका के खारिज होने का उन लोगों पर असर नहीं पड़ेगा जो वास्तव में प्रभावित हैं और कोर्ट में केस रद करने के लिए याचिका दाखिल करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा- तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं की जा सकती

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ के समक्ष अपनी याचिका पर स्वयं बहस कर रहे वकील प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर केसों के जो विवरण मांगे थे, वे उन्होंने दाखिल कर दिए हैं। इस पर पीठ ने कहा कि जिन केसों का विवरण आपने कोर्ट को दिया है कोर्ट उन केसों का ब्योरा कैसे जांचेगा। तीसरे पक्ष के कहने पर एफआइआर रद नहीं हो सकती।

कोर्ट का नकारात्मक रुख देखते हुए याचिका ली वापस

पीठ ने कहा कि इससे आपराधिक कानून में बहुत गलत नजीर बनेगी। ऐसा सिर्फ अपवाद के तौर पर किया जा सकता है। कोर्ट का नकारात्मक रुख देखते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी जो कोर्ट ने दे दी।

टीकाकरण नीति पर सवाल उठाने वाले पोस्टर लगाने वालों पर केस दर्ज हुए

याचिका में कहा गया था कि टीकाकरण नीति के बारे में पोस्टर लगाने में लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं और लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि पुलिस को केस दर्ज नहीं करने का सामान्य आदेश जारी नहीं किया जा सकता। आप ऐसे मामले बताएं जिनमें केस दर्ज हुए हैं।


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