अब 'Air Defence Systems' से महफूज होगी पाक से लगती भारतीय सीमा, जानें कैसे करेगा काम
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान से लगती अपनी सीमा पर एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान से लगती अपनी सीमा पर एयर डिफेंस यूनिट तैनात करने का फैसला किया है। यह इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि बालाकोट के बाद पाकिस्तान की तरफ से कई बार भारतीय हवाई सीमा का अतिक्रमण किया जा चुका है। हालांकि एयर डिफेंस सिस्टम की बात करें तो यह सिस्टम किसी भी तरह के हवाई हमले से रक्षा के लिए लगाया जाता है। इसके तहत दो चीजें बेहद खास होती हैं। इनमें पहला राडार और दूसरा मिसाइल।
दरअसल, पाकिस्तान से आने वाली किसी भी मिसाइल को पकड़ने में राडार की भूमिका सबसे अहम होती है। इसको इस तरह से भी समझा जा सकता है कि यदि पाकिस्तान की तरफ से कोई मिसाइल भारत में हमला करने के मकसद से छोड़ी जाती है तो यह राडार इसकी गति और इसकी दूरी का सही आंकलन करके इसकी जानकारी दूसरी यूनिट को भेज देते हैं। दूसरी यूनिट से दुश्मन की मिसाइल को नष्ट करने के लिए मिसाइल दागी जाती है। यह डिफेंस यूनिट न सिर्फ मिसाइल हमले से देश की सीमाओं की रक्षा करने में सहायक होती हैं बल्कि किसी भी तरह के हवाई हमले को रोकने में सक्षम होती हैं।
जहां तक भारत द्वारा लिए गए इस बड़े फैसले की बात है तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद ही यह फैसला लिया गया है। इसके लिए भारतीय सेना का इंटरनल रिव्यू भी किया गया है।यह फैसला पाकिस्तान की तरफ से होने वाले किसी भी तरह के दुस्साहस को देखते हुए ही लिया गया है।एएनआई की मानें तो पाकिस्तान से लगते सीमा पर एयर डिफेंस यूनिट के अलावा कई सैन्य टुकड़ियां भी तैनात की जाएंगी।
जहां तक एयर डिफेंस यूनिट की तैनाती की बात है तो ये जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में पाकिस्तान से लगती भारतीय सीमा पर तैनात किए जाएंगे। यह सिस्टम दुश्मन के हवाई हमले को नाकाम करने के साथ-साथ थल सेना के जवानों को सुरक्षा चक्र भी प्रदान कर सकेगा। अब हम आपको बता दें कि इस डिफेंस यूनिट के तहत किस तरह की मिसाइलों को तैनात किया जाएगा।
भारतीय सीमा और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के मद्देनजर रूस के क्वादार्ट (Kvadrat) सिस्टम के साथ भारत में ही बनीं आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तैनात किया जाएगा। इनके अलावा MR-SAM डिफेंस सिस्टम को भी यहां पर जल्द ही तैनात किया जाएगा। इसको भारत का डीआरडीओ और इजरायल मिलकर बना रहे हैं। उम्मीद है कि यह जल्द ही सेना को उपलब्ध हो जाएगा।
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