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देश में कुल 3305.34 लाख टन खाद्यान्न की उपज होने की संभावना, केंद्र ने जारी किया प्रमुख फसलों का अग्रिम अनुमान

केंद्र सरकार की कृषि नीतियों एवं राज्यों के सहयोग के सहारे देश की पैदावार लगातार बढ़ रही है। भारत में खाद्यान्न के रूप में चावल और गेहूं की सबसे ज्यादा खपत होती है। दोनों में रिकार्ड वृद्धि का अनुमान है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Thu, 25 May 2023 08:29 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 08:40 PM (IST)
देश में कुल 3305.34 लाख टन खाद्यान्न की उपज होने की संभावना, केंद्र ने जारी किया प्रमुख फसलों का अग्रिम अनुमान
केंद्र ने जारी किया प्रमुख फसलों का तीसरा अग्रिम अनुमान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: वर्तमान फसल वर्ष में देश में प्रमुख खाद्यान्न की रिकार्ड उपज होने का अनुमान है। चावल, गेहूं, मक्का, तेलहन एवं गन्ना का उत्पादन अपने पिछले सभी कीर्तिमान को पीछे छोड़ सकता है। प्रमुख फसलों की उपज में लगभग डेढ़ करोड़ टन की वृद्धि हो सकती है। कृषि एवं किसान मंत्रालय ने गुरुवार को प्रमुख फसलों के कुल उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है।

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कहीं ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन

मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2022-23 के दौरान 33.05 करोड़ टन से ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ 49 लाख 18 हजार टन अधिक होगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मंत्रालय का यह अनुमान राज्य सरकारों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर होता है, जिसे अन्य स्त्रोतों से सत्यापित किया जाता है।

लगातार बढ़ रही पैदावार

केंद्र सरकार की कृषि नीतियों एवं राज्यों के सहयोग के सहारे देश की पैदावार लगातार बढ़ रही है। भारत में खाद्यान्न के रूप में चावल और गेहूं की सबसे ज्यादा खपत होती है। दोनों में रिकार्ड वृद्धि का अनुमान है। चावल का उत्पादन 1355.42 लाख टन हो सकता है, जो पिछली बार से 60.71 लाख टन ज्यादा होगा। इसी तरह गेहूं की उपज भी 1127.43 लाख टन हो सकती है, जो पिछले वर्ष से 50 लाख टन ज्यादा है।

मक्के की खेती का रुझान बढ़ा

मक्के की खेती की ओर भी किसानों का रुझान बढ़ रहा है। इसका उत्पादन 359.13 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष से 21.83 लाख टन अधिक होगा। भारत की पहल पर पूरी दुनिया वर्तमान वर्ष को मिलेट्स (श्रीअन्न) वर्ष के रूप में मना रहा है तो देश में श्रीअन्न के उत्पादन का भी कीर्तिमान का अनुमान है। कुल उत्पादन 547.48 लाख टन होने की संभावना है, जो 36.47 लाख टन अधिक होगा।

दलहन की उपज में गिरावट नहीं

दाल की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए संतोष की बात है कि दलहन की उपज में भी गिरावट नहीं है। हालांकि खेती में सुधार के तमाम उपायों एवं किसानों को प्रोत्साहन के बावजूद मामूली वृद्धि का ही अनुमान लगाया गया है। पिछले वर्ष 273.02 लाख टन दलहन हुआ था। इस बार 275.04 लाख टन का अनुमान है। चना से ज्यादा मूंग का उत्पादन होगा। पिछली बार 37.40 लाख टन हुआ था। इस बार 5.74 लाख टन ज्यादा होने का अनुमान है। इससे अच्छा अनुमान तिलहन को लेकर है। सोयाबीन के उत्पादन में 19.89 लाख टन एवं सरसों के उत्पादन में 5.31 लाख टन वृद्धि हो सकती है।

गन्ना फिर रिकार्ड की ओर

कृषि मंत्रालय ने गन्ना के उत्पादन में लगभग साढ़े पांच करोड़ टन वृद्धि का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष कुल 49 करोड़ 42 लाख टन से ज्यादा गन्ना का उत्पादन हुआ था, जिसमें इस बार पांच करोड़ 48 लाख टन से ज्यादा की वृद्धि हो सकती है।

खाद्यान्न

मात्रा (लाख टन में)

चावल

1355.42

गेहूं

1127.43

बाजरा 111.66 
पोषक/मोटे अनाज 547.48 
मक्का 359.13 
कुल दलहन 275.04
चना 135.43
मूंग 37.40
तिलहन 409.96
मूंगफली 102.82
सोयाबीन 149.76
रेपसीड एवं सरसों 124.94
कपास 343.47 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किग्रा)
गन्ना 4942.28 लाख टन 
पटसन-मेस्टा 94.94 लाख गांठ (प्रति गांठ 180 किग्रा)

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