Move to Jagran APP

कागज और पेंसिल से बना दिया पोर्टेबल हीटर, इन कामों में होगा इस्‍तेमाल, जानें खासियत

पुणे की सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कागज और पेंसिल की मदद से एक छोटा पोर्टेबल हीटर बनाया है। इसका इस्‍तेमाल इन महत्‍वपूर्ण कामों में किया जा सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 09:55 AM (IST)
कागज और पेंसिल से बना दिया पोर्टेबल हीटर, इन कामों में होगा इस्‍तेमाल, जानें खासियत
कागज और पेंसिल से बना दिया पोर्टेबल हीटर, इन कामों में होगा इस्‍तेमाल, जानें खासियत

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। भारतीय वैज्ञानिकों ने कागज और पेंसिल की मदद से एक छोटा पोर्टेबल हीटर बनाया है। इसका उपयोग ऐसे कार्यों में किया जा सकेगा, जिनमें कम तापमान की जरूरत होती है। कागज-आधारित हीटर बनाने की यह तकनीक पुणो स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने विकसित की है। यह अध्ययन ‘करंट साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

loksabha election banner

कैसे बनाया हीटर

यह हीटर पेंसिल और नोटबुक के कागज के साथ एल्यूमीनियम फॉइल, तांबे के तार, ग्लास शीट, पेपर बाइंडिंग क्लिप और बैटरी को जोड़कर बनाया गया है। सबसे पहले, 75 माइक्रोमीटर मोटाई के सामान्य कागज के दो इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े टुकड़े की एक सतह पर 9बी ग्रेड पेंसिल से गहरी शेडिंग की गई और फिर इस कागज को 0.2 सेंटीमीटर मोटी ग्लास शीटों के बीच रखा गया। फिर, इस प्लेट को एल्युमीनियम फॉइल और तांबे के तार द्वारा 5 वोल्ट वाले बैटरी परिपथ से जोड़ा गया।

हीटर की तरह करता है काम 

हीटरनुमा संरचना को दो बाइंडिंग क्लिपों की मदद से कसकर स्थिर किया था, ताकि एल्युमिनियम फॉइल और तांबे के तार का पेंसिल से बनी ग्रेफाइट मिश्रित परतों के बीच सही संपर्क स्थापित हो सके। हीटर में लगा कागज उसमें लेपित पेंसिल की ग्रेफाइट परत के कारण विद्युत प्रवाहित होने से गर्म होने लगता है, जिससे ग्लास शीट गर्म हो जाती है। इस तरह यह संरचना हीटर की भांति काम करती है।

15 से ज्यादा बार इस्तेमाल होगी एक शीट

हीटर बनाने के लिए कागज और ग्लास शीट की जगह ओवरहेड प्रोजेक्टर की ट्रांसपेरेंसी शीट तथा धातु प्लेटों को भी उपयोगी पाया गया है। इस प्रकार बने पोर्टेबल हीटर में अधिकतम तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक होता है। जबकि, कागज से बने हीटर का अधिकतम तापमान 100 डिग्री तक पाया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हीटर में एक कागज या ट्रांसपेरेंसी शीट का लगभग पंद्रह से ज्यादा बार उपयोग किया जा सकता है।

नहीं लगेगा करंट

प्रमुख शोधकर्ता अमित मोरारका ने बताया कि लगभग 218-246 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर कागज जलने लगता है। इस पोर्टेबल हीटर में अधिकतम तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेड तक ही पहुंच पाता है, जिसके कारण इसमें कागज जलता नहीं है। इस हीटर में कम वोल्टेज की बैटरी या डीसी विद्युतधारा का प्रयोग किया गया है, जिससे बिजली का झटका लगने का खतरा भी नहीं है।

मांसपेशियों की हो सकती है सिकाई

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस हीटर का एक आसानी से मुड़ने वाला लचीला स्वरूप भी तैयार किया गया है, जिसका उपयोग शरीर में जोड़ों और मांसपेशियों की सिकाई में किया जा सकता है। बैटरी से संचालित होने के कारण इसका इस्तेमाल दूरदराज के इलाकों में भी आसानी से किया जा सकता है। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में विद्युत संबंधी नियमों को समझाने और प्रयोगों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। हीटर बनाने की यह नई तकनीक पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ सुरक्षित, सस्ती और सरल है। शोधकर्ताओं में अमित मोरारका के अलावा डॉ. अदिति सी. जोशी शामिल हैं। 

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.