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पोलाची केस: SC ने खारिज की निगरानी रखने की मांग करने वाली याचिका, हाईकोर्ट जाने का दिया निर्देश

तमिलनाडु के पोलाची में 50 से ज्यादा छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 12:45 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 12:55 PM (IST)
पोलाची केस: SC ने खारिज की निगरानी रखने की मांग करने वाली याचिका, हाईकोर्ट जाने का दिया निर्देश

 तमिलनाडु,एजेंसी। तमिलनाडु के पोलाची में 50 से ज्यादा छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। दरअसल, इस मामले में निगरानी रखने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिकार्ताओं से कहा कि वो हाईकोर्ट जाएं। 

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बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पीड़िताओं की मांग गुप्त रखने के साथ ही मामले की सुनवाई सीबीआइ की निगरानी में कराने की मांग की गई थी। दरअसल, राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पीड़िता की पहचान उजागर कर दी थी, इसके बाद  मामले में कोयंबटूर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आर. पंडियाराजन के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे। 

जानें क्या है पोलाची यौन उत्पीड़न मामला 
तमिलनाडु के पोलाची में 50 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। कोयंबटूर के पोलाची में चार युवकों के एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है, जो कॉलेज की लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न करते थे। वो सिर्फ यौन उत्पीड़न ही नहीं करते थे, बल्कि उनका वीडियो बनाकर वायरल भी करते थे।

कैसे हुआ खुलासा
ये मामला तब उजागर हुआ, जब एक लड़की के उत्पीड़न के मामले में 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया। युवक से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ था कि वे अब तक करीबन 50 वारदात अंजाम दे चुके हैं। इस घटना को 12 फरवरी को अंजाम दिया गया था।

मामल ने पकड़ा सियासी तूल
मामले ने सियासी तूल तब पकड़ा, जब इसमें एआइएडीएमके के एक सदस्‍य का नाम सामने आया। इसके बाद से मामला विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया। हालांकि, बाद में एआइएडीएमके ने अपने आरोपित सदस्‍य को पार्टी से निकाल दिया था।


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