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अमेठी के फूड पार्क पर सियासी हांडी

पिछले एक साल में सिर्फ तीन बार अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वहां के फूड पार्क को लेकर भरपूर सियासी हांडी चढ़ाई। संप्रग सरकार के समय भी घोषणा के साढ़े तीन साल बाद तक फूड पार्क की दिशा में कुछ न

By manoj yadavEdited By: Published: Thu, 07 May 2015 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2015 09:03 PM (IST)
अमेठी के फूड पार्क पर सियासी हांडी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले एक साल में सिर्फ तीन बार अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वहां के फूड पार्क को लेकर भरपूर सियासी हांडी चढ़ाई। संप्रग सरकार के समय भी घोषणा के साढ़े तीन साल बाद तक फूड पार्क की दिशा में कुछ न करा पाए राहुल ने मोदी सरकार पर बदले की भावना से उस योजना को निरस्त करने का आरोप लगाया। हंगामे और शोर शराबे के बीच सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल के आरोपों को खारिज कर दिया। साथ ही उन्हें यह भी याद दिला दी कि गत तीन-चार सालों में इसमें कुछ नहीं हुआ। सिंह ने मामले को खुद देखने का आश्वासन भी दिया। अमेठी में राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ीं मौजूदा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल पर इस मुद्दे पर सियासत का आरोप लगाया और क्षेत्र के प्रति उनकी संवेदनशीलता पर भी तीखे सवाल उठाए।

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राहुल ने शून्यकाल में लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में प्रस्तावित फूड पार्क को रद कर दिए जाने की उन्हें जानकारी मिली है। लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए राहुल ने तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि अमेठी में प्रधानमंत्री ने जो भाषण दिया था, उसकी एक बात मुझे अच्छी लगी थी कि मैं बदले की नहीं, बल्कि बदलाव की राजनीति करने आया हूं। लेकिन अब फूडपार्क को रद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री का वादा बहुत महत्वपूर्ण होता है, लिहाजा उनसे अपील करता हूं कि फूड पार्क रद न किया जाए।

इससे पहले राहुल ने पूछा कि यह क्या जादू है कि किसान से दो रुपये किलो खरीदे जाने वाले आलू का चिप्स का पैकेट दस रुपये में बिकता है। उन्होंने कहा कि अमेठी में फूड पार्क बनने से आसपास के लाखों किसानों को फायदा होगा। हालांकि, कांग्रेस के ही सूत्र मान रहे हैं कि फूड पार्क परियोजना कभी परवान ही नहीं चढ़ सकी थी और निवेशक खुद ही वहां से निकल चुके हैं।

बहरहाल राहुल के इस सियासी सवाल का जवाब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हंसते हुए कटाक्ष से ही दिया। उन्होंने कहा कि यह जादू उनकी सरकार ने नहीं, बल्कि पिछली सरकार ने किया है। इस पर कांग्रेस की बेंच की तरफ से खूब हंगामा हुआ। इस हंगामे के बीच ही गृह मंत्री ने तंज कसा कि इस फूड पार्क को सैद्धांतिक रूप से वर्ष 2010 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन पिछले तीन चार सालों में क्या हुआ, वह इसमें नहीं जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि बदले का तो सवाल ही नहीं है।

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