नक्सल प्रभावित गांव में सड़क निर्माण के लिए कैंप, छत्तीसगढ़ पुलिस की पहल
नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक कैंप स्थापित किया है। उनका मानना है कि ऐसा करने से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा।
रायपुर, प्रेट्र। नक्सलवाद से निपटने के लिए बहु-प्रचारित रणनीति के तौर पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने प्रभावित जिला बस्तर के महत्वपूर्ण गांव में एक कैंप की शुरुआत की है जो क्षेत्र में सड़क निर्माण में मदद करेगा। सड़क के विकसित हो जाने के बाद ये न केवल नक्सल गतिविधियों को खत्म करेगा बल्कि सूदूर गांवों में रहने वाले आदिवासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। यह जानकारी बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने दी। यह पुलिस कैंप बोडली गांव (Bodli village) में इस साल के शुरुआत में की गई।
राजधानी रायपुर से करीब 350 किमी की दूर पर स्थित यह गांव पांच जिले से जुड़ा है। ये जिले हैं बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडगांव। अधिकारी ने बताया, ‘नक्सली समस्या से निपटने में विश्वास विकास सुरक्षा की नीतियों के तहत स्थित यह बोडली कैंप रोल मॉडल साबित होगा।’ छत्तीसगढ़ का बोडली गांव पहले दुर्ग जिले में भिलाई से जुड़ा हुआ था। नारायणपुर के पल्ली और दंतेवाड़ा के बसुर के बीच 6 सुरक्षा कैंप बनाए गए ताकि निर्माण कार्यों को सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। इसमें बोडली का कैंप केंद्र में है। यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी। 54 किमी तक होने वाला निर्माण कार्य ने 20 किमी की दूरी पूरी कर ली है। बाकि बचे 34 किमी का काम इस साल के अंत तक खत्म हो जाने की उम्मीद है। इस एरिया पर नक्सलियों की मजबूत पकड़ है। इससे न केवल नक्सलियों की गतिविधियों पर रोक लगेगी बल्कि सुदूर गांव में रहने वाले हजारों आदिवासियों को फायदा मिलेगा।
इसके अलावा क्षेत्रवासियों की समस्या को देखते हुए क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया जा रहा है तथा इसके भवन के लिए दस लाख रुपये की भी मंजूरी दी गई है। साथ ही क्षेत्र के लिए एक एंबुलेंस की सुविधा मुहैयार कराई जाएगी। राशन दुकान के नए भवन के निर्माण की भी पेशकश है और इसके लिए दस लाख रुपये का फंड भी मुहैया कराया गया है। बोडली स्थित राशन दुकान से ही अब किसानों को उन्नत बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा।