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अरुणाचल में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग, एक की मौत, इंटरनेट सेवा निलंबित

गैर-अरुणाचलियों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की सिफारिश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में एक की मौत हो गई और अन्य कई घायल हो गए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 06:18 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 06:18 PM (IST)
अरुणाचल में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग, एक की मौत, इंटरनेट सेवा निलंबित

इटानगर, प्रेट्र। गैर-अरुणाचलियों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की सिफारिश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में एक की मौत हो गई और अन्य कई घायल हो गए। सरकार द्वारा नियुक्त संयुक्त उच्चाधिकार समिति ने यह सिफारिश की है।

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राजनाथ ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की

इटानगर में शुक्रवार रात सिविल सचिवालय में घुसने का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई। राज्य के कई संगठनों ने गुरुवार से शुक्रवार तक 48 घंटों के बंद का आह्वान किया था। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के लोगों से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

राज्य की राजधानी में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। तनाव की स्थिति देखते हुए सेना नाहारलागुन और इटानगर के बीच फ्लैग मार्च कर रही है। अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री कुमार वाई ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार शाम प्रदर्शनकारियों ने 50 वाहनों में आग लगा दी और 100 से ज्यादा को क्षतिग्रस्त कर दिया। पथराव में 24 पुलिसकर्मियों सहित 35 लोग घायल हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने आल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट यूनियन और आल न्यइशी स्टूडेंट यूनियन के कार्यालयों को आग लगा दी। दोनों छात्र संगठनों ने समिति की सिफारिशों का समर्थन किया है। राज्य सरकार ने एक मई 2018 को समिति गठित की थी।

समिति ने भागीदारों के साथ विचार विमर्श के बाद छह समुदायों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करने की सिफारिश की है। ये समुदाय अरुणाचल प्रदेश के निवासी नहीं हैं, लेकिन दशकों से नामसाइ और छांगलांग जिलों में रह रहे हैं। विरोध कर रहे संगठनों का कहना है कि सिफारिश मानी गई तो स्थानीय स्थायी निवासियों के अधिकारों पर विपरीत असर पड़ेगा।

विधानसभा में पेश नहीं हुई सिफारिश

संयुक्त उच्चाधिकार समिति की सिफारिश शनिवार को विधानसभा में पेश की जानी थी, लेकिन विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने इसे नहीं पेश करने का फैसला लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।


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