पुलिस ने खोजा केस सुलझाने का गजब तरीका, अब हनुमानजी कराएंगे लूट के सच का फैसला
मध्य प्रदेश की ग्वालियर पुलिस ने लूट के मामले में न एफआइआर की और न ही विवेचना। केस हनुमानजी से सुलझाने का फैसला किया है।
जेएनएन, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के हस्तिनापुर थाने की पुलिस ने लूट की वारदात का पर्दाफाश करने का अजीब तरीका अपनाया है। उसने लूट के मामले में न एफआइआर की और न ही विवेचना। अब लूट के सच का फैसला हनुमानजी से कराएंगे। इसके तहत थाना परिसर में बने हनुमानजी के मंदिर में आगामी शनिवार को आरोपित और पीडि़त पक्ष को खड़ा किया जाएगा। जिस पर लूट का आरोप है, उससे कहा गया कि वह रुपये हनुमान मंदिर में रखेगा, जिसने लूट का आरोप लगाया था, उससे कहा है कि अगर तुम सही हो तो भगवान की शपथ लेकर रुपये उठा लेना।
मप्र में भिंड जिले के तेज सिंह दिल्ली में हलवाई हैं। तेज सिंह ने बताया कि उनका भांजा विनोद उनके साथ दिल्ली में ही काम करता है। विनोद अपनी पत्नी के प्रसव के चलते गांव आया था। वह हस्तिनापुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसने प्रसव के चलते आने वाले खर्च के लिए उससे पैसे मांगे थे। तेज सिंह ने बताया कि भांजे को रुपये देने के लिए वह मंगलवार को दिल्ली से ग्वालियर आया। वह 29 हजार रुपये एक बैग में रखकर बाइक से ग्वालियर से भांजे के घर के लिए निकला।
मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे गांव के नजदीक ही दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उसे रोक लिया और मारपीट कर रुपये लूट लिए। उसने लूट की सूचना भांजे को दी। जब विनोद ने बाइक के आधार पर आसपास पूछताछ की तो पास ही के गांव कृपालपुर के पिंकी नामक युवक के पास ऐसी ही दो बाइक होने की बात सामने आई। विनोद वहां 29 हजार रुपये मांगने पहुंचा तो उस पर आरोपितों ने रायफल तान दी। साथ ही मारपीट की। उसने पुलिस को फोन किया तो पुलिस पीडि़त को थाने ले आई।
थाने में उनकी बात सुनने के बाद पुलिसकर्मियों ने विवेचना कर एफआइआर करने के बदले संदेहियों को तलब किया। दूसरे पक्ष ने खुद को निर्दोष बताया। पीडि़त पक्ष के मुताबिक पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द उनके रुपये वापस दिला देंगे। सिर्फ यह होगा कि दूसरा पक्ष मंदिर पर 29 हजार रुपये रखेगा और आप उसे कसम खाकर उठा लेना। शनिवार को हनुमानजी के सामने रुपये रखने और उठाने पर सहमति बनी।