मैं प्रयोग करने वाला इंसान हूं, मुझमें हिम्मत है: मोदी
पीएम ने इस बैठक में विजन दस्तावेज को तैयार करने की दिशा में अब तक किए गए कार्यों का पूरा ब्योरा लिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण सुधारों की राह में विपक्ष की बाधाओं से बेअसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले दिनों में परिवर्तनकारी सुधार लागू करने केे संकेत दिये हैं। प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि वह प्रयोग करने वाले इंसान है और उनमें प्रयोग करने की हिम्मत है।
प्रधानमंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार में गरीबों का जीवन बेहतर बनाने को व्यापक बदलाव लाने का साहस और सामर्थ्य है। प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को नीति आयोग पहुंचकर यह महत्वपूर्ण संदेश दिया। नीति आयोग ने यह बैठक देश का 15 वर्षीय विजन दस्तावेज, सात वर्षीय रणनीति और 3 वर्षीय कार्ययोजना तैयार करने में प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन लेने को बुलायी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विजन दस्तावेज सिर्फ अगले 15 वर्ष के लिए नहीं बल्कि इस पूरी सदी का आधार होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि अब थोड़े-थोड़े परिवर्तन का दौर बीत गया है। अब तस्वीर बदलने वाले परिवर्तन होने चाहिए। साथ ही उन्होंने नीति आयोग के अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि नीति-निर्माताओं की नीयत, नीतियों से अधिक महत्वपूर्ण होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा ''मैं, प्रयोग करने वाला इंसान हूं, मुझमें हिम्मत है''। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में गरीबोंं के जीवन को बेहतर बनाने का साहस और सामर्थ्य है। विजन दस्तावेज अगले 15 साल को प्रभावित नहीं करेगा बल्कि पूरी शताब्दी की नींव डालेगा। इसलिए यह दस्तावेज बेहद महत्वपूर्ण है।
बैठक के बाद संवाददाताओं से रुबरु हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागढि़या से जब पूछा गया कि सरकार किस तरह के प्रयोग करेगी तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रयोग करने की अपनी नीति का अनुसरण करते हुए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके अलावा विनिवेश का भी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया है। इस तरह ये अब हुए कुछ प्रयोगों के उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री ने देश के विकास में मानवीय और प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत इस्तेमाल करने तथा राज्यों को साथ लेकर चलने की बात भी कही। बैठक में महंगाई पर अलग से चर्चा तो नहीं हुई लेकिन प्रधानमंत्री ने दालों का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी आपूर्ति के लिए आयोग को दीर्घकालिक रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग को अभी से इस बात का आकलन करना चाहिए कि अगले 15 वर्षों में किस वस्तु की कितनी मांग होगी और उसकी आपूर्ति कैसे की जाएगी।
पीएम ने कहा कि आयोग दुनियाभर में उपलब्ध विशेषज्ञ और प्रौद्योगिकी लाकर समस्याओं का समाधान करे।पानागढि़या ने बताया कि बैठक में पहले सिर्फ विजन दस्तावेज के संबंध में चर्चा होनी थी लेकिन बाद में प्रधानमंत्री ने पंचवर्षीय योजनाओं के अनुभव के बारे में भी आयोग से प्रजेंटेशन तैयार करने को कहा। पीएम ने कहा कि आयोग को योजनागत विकास की पद्धति में रही कमियों से सीखना चाहिए।
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