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आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में PM का आतंकवाद पर रहेगा जोर

शनिवार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरु हो रहे तीन दिवसीय कुआलालंपुर दौरे में जिस वक्त वे दो शक्तिशाली क्षेत्रिय गुट आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे, प्रधानमंत्री मोदी का पूरा ध्यान आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर रहेगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2015 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2015 07:35 AM (IST)
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में PM का आतंकवाद पर रहेगा जोर

नई दिल्ली। शनिवार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरु हो रहे तीन दिवसीय कुआलालंपुर दौरे में जिस वक्त वे दो शक्तिशाली क्षेत्रिय गुट आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे, प्रधानमंत्री मोदी का पूरा ध्यान आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर रहेगा।

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इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी मलेशिया के कई शार्ष स्तरीय नेताओं से रक्षा और सुरक्षा समेत द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा कर आपसी रणनीतिक संबंधों को नए स्तर पर ले जाएंगे। दोनों तरफ से कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।

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अधिकारियों को मुताबिक, 10वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान आतंवाद से निपटना एक मुख्य मुद्दा रहेगा। पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह पूरी दुनिया में आतंवाद को लेकर माहौल बना है, ऐसे में पीएम मोदी इस सम्मेलन के दौरान आतंवाद की इस चुनौती से निपटने के लिए ठोस प्रयास कर उसका हल तलाशेंगे।

दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन यानि आसियान पूरी दुनिया में तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। ऐसे में भारत और आसियान आर्थिक सहयोग बढ़ाने के साथ ही अन्य क्षेत्र जैसे- समुद्री सुरक्षा, अवैध ड्रग्स तस्करी और साइबर अपराध जैसी चुनौतियों से निपटने पर दोनों तरफ से पूरा जोर दिया जाएगा। आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। दोनों का संयुक्त रुप से जीडीपी करीब 2.57 ट्रिलियन यूएस डॉलर है।

21 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और उसके अगले दिन पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। विदेश विभाग के सचिव अनिल वाधवा का कहना है कि गैर-परंपरागत सुरक्षा के खतरों को देखते हुए आसियान और भारत आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी, साइबर अपराध और पाइरेसी जैसे मामलों से निपटने के लिए बेहद करीब से नजरें बनाए हुए है।

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वाधवा ने बताया कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मलेन के दौरान नेताओं की तरफ से कई अंतर्राष्ट्रीय गंभीर मुद्दे जैसे- आतंकवाद, अवैध पलायन, साउथ चाइना शी, कोरिया के पेनिनसुला की स्थिति और मध्य एशिया की स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं।


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