'पीएम मोदी बताएं भारत-पाक विदेश सचिव वार्ता में क्या मुद्दे उठाए गए'
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि पाकिस्तान से सचिव स्तर की वार्ता पर रोक मोदी सरकार ने लगाई थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश सचिव के सामने हुर्रियत और पाक बोट विवाद जैसे मुद्दे उठाए
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि पाकिस्तान से सचिव स्तर की वार्ता पर रोक मोदी सरकार ने लगाई थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश सचिव के सामने हुर्रियत और पाक बोट विवाद जैसे मुद्दे उठाए या नहीं? लगभग 7 महीने बाद दक्षेस देशों की यात्रा के तहत भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर मंगलवार को पाकिस्तान के पहुंचे। यहां जयशंकर ने पाक विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी से मुलाकात की।
दरअसल, पिछले साल नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायुक्त के कश्मीरी अलगावादियों से मुलाकात करने के बाद भारत की ओर विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद कर दी गई थी। तब भारत की ओर से कहा गया था कि बात और विवाद एक साथ नहीं चल सकते। मनीष तिवारी ने पूछा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बताएं कि क्या भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक के सामने आतंकी बोट विवाद, मुंबई हमलों के सरगना जकी उर रहमान लखवी को जेल में मिलने वाली सहूलियतों का मुद्दा उठाया है?'
साथ ही मनीष तिवारी ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने यह आश्वासन दिया है कि वो हुर्रियत को मदद देना बंद कर देगा! पाक की जमीन से भारत के खिलाफ चलने वाले आतंकी नेटवर्क को रोकेगा?
मनीष तिवारी ने कहा, 'अगर भारतीय विदेश सचिव ने पाकिस्तान के सामने ये मुद्दे नहीं उठाए हैं, तो प्रधानमंत्री ने एस जयशंकर को पाक क्यों भेजा है। क्योंकि मोदी सरकार ने ही भारत-पाक वार्ता को रद किया था।'
उधर इस्लामाबाद को उम्मीद है कि जयशंकर की इस दो दिवसीय यात्रा से दोनों देशों के बीच नियमित बातचीत की जमीन तैयार हो गई। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार वार्ता के दौरान पाकिस्तान वर्ष 2003 में किए गए संघर्ष विराम समझौते को फिर से लागू करने का सुझाव दे सकता है, ताकि नियंत्रण रेखा पर हो रही गोलीबारी से उत्पन्न तनाव को कम किया जा सके।