मोदी सरकार का बड़ा कदम, देश को मिलेगी 'गति' और 'शक्ति', ऐसे बदलेगी भारत की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 100 लाख करोड़ रुपये का गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का अनावरण किया। इस मास्टर प्लान में 1200 से अधिक औद्योगिक क्लस्टर और दो रक्षा कारिडोर शामिल हैं जिन्हें परिवहन के विभिन्न साधनों से जोड़ा जाएगा। जानें- इस योजना की विस्तृत जानकारी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले ढाई दशक में देश का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 100 लाख करोड़ रुपये का गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का अनावरण किया। इस मास्टर प्लान में 1,200 से अधिक औद्योगिक क्लस्टर और दो रक्षा कारिडोर शामिल हैं जिन्हें परिवहन के विभिन्न साधनों से जोड़ा जाएगा। फिलहाल पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में बुनियादी ढांचे से जुड़ी उन परियोजनाओं को शामिल किया गया है जिन्हें वर्ष 2024-25 तक पूरा किया जाना है।
इस मास्टर प्लान के तहत डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किए जाएंगे जिसके तहत केंद्र सरकार के 16 मंत्रालय एक साथ इन परियोजनाओं की योजना तैयार करेंगे। इस डिजिटल प्लेटफार्म से सभी परियोजनाओं की उपग्रह से ली गई तस्वीर, वहां की रियल टाइम स्थिति, हो रही प्रगति, वहां उपलब्ध जमीन, पानी व अन्य सभी प्रकार की जानकारी ली जा सकेगी।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक समूह इन सभी परियोजनाओं की निगरानी करेगा। सरकार की परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा करने के लिए यह गतिशक्ति मास्टर प्लान सही जानकारी और सटीक मार्गदर्शन करेगा।
क्या है मकसद?
योजना का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गतिशक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत के उद्योग, भारत के व्यापार जगत, भारत के किसान, भारत के उत्पादक और भारत के गांव हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की व्यापक योजना में अनेक कमियां दिखती हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे अपनी योजना बनाती है, सड़क परिवहन अपनी योजना तैयार करता है, टेलीकाम अपनी योजना बना रहा होता है। तमाम विभाग अलग-अलग योजना बना रहे होते हैं। अलग-अलग विभागों को पता नहीं होता है कि कौन सा विभाग कौन सी परियोजना को कहां शुरू करने की तैयारी कर रहा है। राज्यों को भी इसकी जानकारी नहीं होती है। इस कारण निर्णय प्रक्रिया प्रभावित होती है और बजट की भी बर्बादी होती है। इन सारी दिक्कतों का हल पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से निकलेगा। इस मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे तो संसाधनों का आदर्श इस्तेमाल कर सकेंगे।
A must watch video on how PM Gati Shakti will bring a transformative change in our infra creation efforts, especially in breaking silos and bringing synergy. pic.twitter.com/cBOLYxCe0i— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
क्या होगा फायदा
- लाजिस्टिक (परिवहन) लागत कम होगी जिससे निर्यात बढ़ेगा और घरेलू स्तर पर भी लोगों को सस्ते सामान मिलेंगे।
- किसानों की खेती की लागत में भी कमी आएगी। हर प्रकार के बुनियादी ढांचे की परियोजना दूसरी परियोजना की मदद करेंगी, एक दूसरे का पूरक बनेंगी।
- सरकार को प्रभावी योजना और नीति बनाने में मदद मिलेगी। सरकार का अनावश्यक खर्च बचेगा और उद्यमियों को भी किसी प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी मिलती रहेगी।
- निवेशकों को सरकार तय समय में अपनी प्रतिबद्धता दिखा पाएंगी जिससे भारत नए निवेश स्थान के रूप में उभरेगा।
- लोग कम कीमत में बेहतर जिंदगी जी सकेंगे और रोजगार के अवसर निकलेंगे।
वर्ष 2024-25 तक क्या-क्या होना है
- राष्ट्रीय राजमार्ग को 2 लाख किलोमीटर तक ले जाना
- 17,000 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन बिछाना
- सौर ऊर्जा की उत्पादन क्षमता को 87.7 गीगावाट से बढ़ाकर 225 गीगावाट तक ले जाना
- रेलवे के कार्गो परिवहन क्षमता को 121 करोड़ टन से बढ़ाकर 160 करोड़ टन तक पहुंचाना
- 11 औद्योगिक कारिडोर और दो रक्षा कारिडोर का निर्माण
- सभी गांवों तक 4जी कनेक्टिविटी पहुंचाना
- ट्रांसमिशन लाइन को 4,54,200 किलोमीटर तक ले जाना
- 202 फिशिंग क्लस्टर का निर्माण करना
ऐसे बदलेगी तस्वीर
- इंडियन फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट, रिसर्च एंड ट्रेनिंग (आइएफटीआरटी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लाजिस्टिक्स की लागत जीडीपी के 13 से 14 फीसद के बराबर है, जबकि विकसित देशों में यह सात से आठ फीसद और ब्रिक्स देशों में नौ से 10 फीसद है।
- एक अध्ययन के मुताबिक, अच्छे एवं मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया गया हर पैसा आर्थिक गतिविधियों में तीन गुना तक का योगदान देता है।
मामूली सुधार-बड़ा योगदान
- लाजिस्टिक्स परफार्मेस के प्रभाव पर पाब्लो कोटो-मिलान, एगरस एम व अन्य की 2013 में आई एक रिपोर्ट कहती है, लाजिस्टिक्स में एक फीसद का सुधार आर्थिक विकास में 1.1 से 3.4 फीसद तक का योगदान देता है।
- ग्लोबल बिजनेस कम्युनिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी देश की जीडीपी पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है कि वहां कितने विश्वस्तरीय बंदरगाह हैं। 13 यूरोपीय देशों के 120 बंदरगाह वाले क्षेत्रों के विश्लेषण में सामने आया कि जहां बंदरगाह होते हैं, वहां की जीडीपी तेजी से बढ़ती है।
- एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि शि¨पग कनेक्टिविटी में एक मानक अंक का सुधार माल भाड़े को 287 डालर तक कम कर सकता है। इसी तरह बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे में एक मानक अंक का सुधार माल भाड़े को 225 डालर तक कम कर सकता है।