कचरा मुक्त होंगे शहर, जल सुरक्षा की मिलेगी गारंटी, पीएम मोदी आज लांच करेंगे स्वच्छ भारत मिशन और अमृत का दूसरा चरण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को शहरों को कचरा मुक्त बनाने और उन्हें जल सुरक्षा प्रदान करने वाली दो प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। योजनाओं के तहत अगले पांच वर्षों के भीतर शहरों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा...
नई दिल्ली, जेएनएन। स्वच्छता अभियान की सफलता के बाद शहरों को कचरा मुक्त बनाने और उन्हें जल सुरक्षा प्रदान करने वाली दो प्रमुख योजनाओं का शुक्रवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। अगले पांच वर्षो के भीतर शहरों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा, जिससे महानगरों व शहरों के बाहरी हिस्से में कूड़े के पहाड़ बनने की नौबत नहीं आएगी। इसी तरह देश के सभी शहरों में हर घर को जल के लिए नल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही शहरों के सीवेज के पानी को साफ कर दोबारा उपयोग करने लायक बनाया जाएगा।
पीएम मोदी करेंगे शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन और 'अमृत' के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे। स्वच्छता अभियान के पहले चरण की सफलता के बाद उसे बनाए रखने और नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर दूसरे चरण की तैयारी कर ली गई है। इसके तहत साफ-सफाई से निकलने वाले कूड़े का प्रबंधन बहुत जरूरी है।
45 फीसद शहरी आबादी को जोड़ा
2014 तक शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले मात्र 18 फीसद यानी 26 हजार टन कूड़े का ही निस्तारण होता था। यह अब बढ़कर 70 फीसद यानी 95 हजार टन तक पहुंच गया है। अब भी 30 हजार टन से अधिक कूड़ा बिना निस्तारण के फेंका जाता है। शहरी विकास मंत्रालय का दावा है कि वह स्वच्छता मिशन में तकरीबन 45 फीसद शहरी आबादी को साथ जोड़कर आगे बढ़ रहा है।
10 हजार से ज्यादा उत्पाद तैयार
केंद्रीय शहरी विकास सचिव डीएस मिश्र ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि स्वच्छता क्षेत्र में तकरीबन 10 हजार से अधिक उत्पाद तैयार हो गए हैं। नए उद्यम से रोजगार के बड़े अवसर तैयार हुए हैं। सरकारी पोर्टल जेम्स पर हजार उत्पाद बेचे जा रहे हैं।
पूरी तरह डिजिटल होगा दूसरा चरण
कायाकल्प व शहरी परिवर्तन के लिए तैयार अटल मिशन (अमृत) के दूसरे चरण को पूरी तरह डिजिटल बनाया जाएगा। शहर आधारित कार्य योजना तैयार की जाएगी। शहरी सीमाओं के गांवों में भी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। किसी भी शहर को वित्तीय मदद उसकी योजनाओं के कार्यान्वयन के बाद दी जाएगी। निजी क्षेत्र की पूरी सहभागिता होगी।
जल सुरक्षा पर विशेष फोकस
अमृत योजना में जल सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शहरी क्षेत्रों से निकले सीवेज के पानी का प्रसंस्करण कर उसकी दोबारा आपूर्ति पर जोर दिया जाएगा। अगले पांच वर्षो के भीतर देश के सभी शहरों को तीन स्टार वाला बनाने का लक्ष्य है। शहरी क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्रों के 40 फीसद पानी की मांग को ट्रीटेड सीवेज के पानी से पूरा किया जाएगा। 20 फीसद सीवेज के ट्रीटेड पानी का उपयोग शौचालयों में फ्लश के लिए किया जा सकता है।
शहरों का जल सर्वेक्षण कराएगी सरकार
स्वच्छ सर्वेक्षण की तर्ज पर सरकार सभी शहरी निकायों में जल सर्वेक्षण कराएगी। इस सर्वेक्षण में जलापूर्ति, जल की मात्रा, गुणवत्ता, जल संरक्षण और उसके स्त्रोत आदि के साथ सीवेज के पानी के प्रसंस्करण और उसके दोबारा उपयोग जैसे विषयों पर लोगों की राय ली जाएगी। हाल ही में इस बारे में 10 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया। उसकी रिपोर्ट से उत्साहित शहरी विकास मंत्रालय अब इसे पूरे देश में कराने की तैयारी कर रहा है।
स्वच्छ जल आपूर्ति पर विशेष जोर
रेवेन्यू और नान रेवेन्यू वाटर सप्लाई वाले मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जलस्रोत की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन दस शहरों में जल सर्वेक्षण का पायलट प्रोजेक्ट कराया गया, उनमें पटियाला, भुवनेश्वर, चुरु, आगरा, रोहतक, बदलापुर, कोच्चि, सूरत, मदुरई औ तुमकुर प्रमुख हैं। फिलहाल उन्हीं शहरों को लिया गया, जिनकी आबादी 10 लाख अथवा इससे अधिक है। कुल 50 तरह के सवाल तैयार कराए गए थे, जिनके जवाब लोगों से पूछे गए।