Move to Jagran APP

पीएम नरेंद्र मोदी चार दिनों में सात देशों के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी का दौरा अंतिम समय में जोड़ा गया है इसलिए अभी इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। लेकिन इस संक्षिप्त दौरे का भी अपना महत्व होगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 07:44 PM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी चार दिनों में सात देशों के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक
पीएम नरेंद्र मोदी चार दिनों में सात देशों के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय कूटनीति के लिहाज से अगले चार दिन बेहद गहमा गहमी वाले रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी अपनी कार्यशैली के मुताबिक, इन चार दिनों में स्वीडेन, ब्रिटेन व जर्मनी की यात्रा करेंगे जहां उनकी सात देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके अलावा मोदी नोर्डिक समूह के सम्मेलन और राष्ट्रमंडल देशों के सरकारों के सम्मेलन (चोगम) में हिस्सा लेंगे, जहां उनकी कुछ दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ भी द्विपक्षीय बैठक होगी। स्वीडेन में मोदी नोर्डिक देशों के पांचों सदस्य देशों नार्वे, फिनलैंड, हालैंड, आइसलैंड व स्वीडेन के साथ अलग अलग भी मिलेंगे और फिर इनके साथ एक संयुक्त बैठक भी करेंगे। ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के साथ मोदी की मुलाकात पर रूस, अमेरिका समेत अन्य देशों की भी नजर होगी।

loksabha election banner

पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को स्टाकहोम के लिए रवाना हुए हैं। वहां एक दिन गुजारने के बाद वह दो दिन ब्रिटेन में रहेंगे, जबकि वहां से लौटते वक्त जर्मनी में छह घंटे का संक्षिप्त आधिकारिक दौरा करेंगे। पहले इस यात्रा में जर्मनी शामिल नहीं था। लेकिन चासंलर मार्केल के अनुरोध पर इसे शामिल किया गया है। मोदी की इन तीनों देशों की यात्रा की अपनी अपनी अलग अहमियत होगी। नोर्डिक क्षेत्र के पांचों देशों ने इस तरह की संयुक्त बैठक इसके पहले सिर्फ एक बार अमेरिका से की थी। दूसरी बैठक भारत के पीएम के साथ की जा रही है। दुनिया का एक हिस्सा था, जिसके साथ संबंधों को लेकर भारत ने अभी तक कोई खास पहल नहीं की थी।

इसी तरह से राष्ट्रमंडल देशों की बैठक में बेहद व्यस्त होने के बावजूद ब्रिटिश सरकार ने पूरा एक दिन पीएम मोदी के लिए निकाला है। 18 अप्रैल, 2018 को थेरेसा मे के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के साथ ही मोदी वहां के राजघराने के सदस्यों के साथ भी वक्त गुजारेंगे और दिन भर में कई कार्यक्रमों में भारत व ब्रिटेन के रिश्ते को मजबूती देने वाले दर्जनों लोगों से मिलेंगे भी। यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि चोगम की बैठक में आने वाले 52 देशों के प्रमुखों में से ब्रिटेन ने सिर्फ पीएम मोदी के साथ ही द्विपक्षीय बैठक करने का फैसला किया है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी का दौरा अंतिम समय में जोड़ा गया है इसलिए अभी इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। लेकिन इस संक्षिप्त दौरे का भी अपना महत्व होगा, क्योंकि मार्केल के दोबारा चासंलर बनने के बाद मोदी किसी प्रमुख देश के पहले पीएम होंगे जो जर्मनी की यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा के लिए चासंलर मार्केल ने स्वयं अनुरोध किया था। मार्केल स्वयं भारत के साथ रिश्ते को काफी महत्व देती है। वर्ष 2015 में जब उनका देश रिफ्यूजी समस्या से जूझ रहा था तब भी उन्होंने अपना भारत दौरे को रद नहीं किया था। मई, 2017 में भी दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में जिन समझौतों पर सहमति बनी थी उसकी प्रगति की समीक्षा इस बार की जाएगी। दोनों देशों ने आपसी कारोबारी व रणनीतिक रिश्ते को प्रगाढ़ करने के लिए एक संयुक्त दल का गठन भी किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.