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राजनाथ ने की हाई सेक्युरिटी मीटिंग,पीएम मोदी की सुरक्षा और होगी चाकचौबंद

कोरेगांव हिंसा में गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों का एक पत्र सामने आया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश किये जाने की बात लिखी थी।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 08:16 PM (IST)
राजनाथ ने की हाई सेक्युरिटी मीटिंग,पीएम मोदी की सुरक्षा और होगी चाकचौबंद
राजनाथ ने की हाई सेक्युरिटी मीटिंग,पीएम मोदी की सुरक्षा और होगी चाकचौबंद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : नक्सलियों की आत्मघाती हमले की साजिश के पर्दाफाश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को और भी चाकचौबंद किया जा रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा की, जिसमें एनएसए अजीत डोभाल, गृहसचिव राजीव गौबा और खुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन मौजूद थे। बैठक के बाद गृहमंत्री प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।

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दरअसल, कोरेगांव हिंसा में गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों का एक पत्र सामने आया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश किये जाने की बात लिखी थी। महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। जिसमें सुरक्षा को और पुख्ता करने का निर्णय लिया गया।

पुणे पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस साल 18 अप्रैल को जैकब की तरफ से कामरेड प्रकाश को एक चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें कहा गया कि अब हिंदू अतिवाद को हराना जरूरी हो गया है, क्योंकि मोदी के नेतृत्व में यह लोग आगे बढ़ते चले जा रहे हैं। बंगाल और बिहार को छोड़कर अधिकतर बड़े राज्यों की सत्ता इनके हाथों में आ चुकी है। चिट्ठी में लिखा गया है कि मोदी को रोकने के लिए उनके रोड शो को टारगेट करना ठीक रहेगा, जो आत्मघाती हमला भी हो सकता है।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों का जनाधार लगातार कम होता जा रहा है। बड़ी संख्या में नक्सली या तो मारे जा रहे हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं। कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों ने एकसाथ 39 नक्सलियों को मार गिराया था। जंगल के अपने गढ़ में मात खा रहे नक्सली अब शहरी क्षेत्रों में अशांति फैलाने की साजिश में जुट गए हैं। 

कोरेगांव हिंसा इसी का नतीजा है। पिछले दिनों वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी अपने ब्लाग पर नक्सलियों की इस साजिश से राजनीतिक दलों को आगाह किया था। वहीं प्रधानमंत्री पर आत्मघाती हमले की साजिश के खुलासे को विपक्षी दल ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं। 

लेकिन राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को पुख्ता करने का निर्देश देकर साफ कर दिया है कि सरकार इस मामले में कोई कोताही बरतना नहीं चाहती है। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सबसे अधिक अहम है और उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी नहीं जाएगी।


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