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हम लगभग 80 फीसद खिलौने आयात करते हैं, इसे बदलने की जरुरत, Toycathon 2021 के प्रतिभागियों से बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टायकैथन-2021 के प्रतिभागियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं। पीएमओ के अनुसार शिक्षा मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय सहित कई अन्य मंत्रालयों ने पांच जनवरी को टायकैथन-2021 की संयुक्त रूप से शुरुआत की थी।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 07:56 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 12:30 PM (IST)
हम लगभग 80 फीसद खिलौने आयात करते हैं, इसे बदलने की जरुरत, Toycathon 2021 के प्रतिभागियों से बोले पीएम मोदी
टायकैथन के प्रतिभागियों से बातचीत कर रहे प्रधानमंत्री मोदी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टायकैथन-2021 के प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं। फिलहाल प्रतिभागी प्रधानमंत्री को अपने अपने गेम्स के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इन्हें और बेहतर करने के लिए सुझाव दिए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक खिलौना बाजार करीब 100 बिलियन डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ बिलियन डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। यानि इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना ज़रूरी है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि खिलौने और खेल हमारी मानसिक शक्ति, सृजनात्मकता, अर्थव्यवस्था और ऐसे अनेक पहलुओं को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन विषयों की बात भी उतनी ही आवश्यक है। भारत के वर्तमान सामर्थ्य को, भारत की कला-संस्कृति को, भारत के समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है। इसमें हमारी खिलौने और गेमिंग इंडस्ट्री बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।

ऐसे वैकल्पिक कॉन्सेप्ट​ डिजाइन हों जिसमें भारत का मूल चिंतन हो

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में उपलब्ध हैं, उनमें से अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं है। अनेक गेम्स के कॉन्सेप्ट या तो हिंसा को प्रमोट करते हैं या फिर मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। हमारा दायित्व है कि ऐसे वैकल्पिक कॉन्सेप्ट​ डिजाइन हों जिसमें भारत का मूल चिंतन हो। हमारा फोकस ऐसे खिलौने और खेल का निर्माण करने पर भी हो, जो हमारी युवा पीढ़ी को भारतीयता के हर पहलू को रोचक तरीके से बताए। हमारे खिलौने और खेल, मनोरंजन भी करें संलग्न भी करें और शिक्षित भी करें, ये हमें सुनिश्चित करना है। बीते 5-6 वर्षों में हैकाथॉन को देश की समस्याओं के समाधान का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इसके पीछे की सोच है- देश के सामर्थ्य को संगठित करना, उसे एक माध्यम देना। कोशिश ये है कि देश की चुनौतियों और समाधान से हमारे नौजवान का सीधा कनेक्ट हो।

तीन दिवसीय आनलाइन टायकैथन ग्रैंड फिनाले

पीएमओ के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय सहित कई अन्य मंत्रालयों ने पांच जनवरी को टायकैथन-2021 की संयुक्त रूप से शुरुआत की थी। देश से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराकर 17 हजार से अधिक नए विचार रखे। इनमें से 1,567 विचारों को 22 जून से 24 जून तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय आनलाइन टायकैथन ग्रैंड फिनाले के लिए चुना गया।

टायकैथन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है

कोरोना संबंधी प्रतिबंधों के चलते इस कार्यक्रम में डिजिटल खिलौनों को लेकर विचार रखने वाली टीमें शामिल होंगी, जबकि गैर-डिजिटल खिलौनों की अवधारणाओं के लिए एक अलग समारोह आयोजित किया जाएगा, जो आनलाइन नहीं होगा। गौरतलब है कि भारत के घरेलू बाजार के साथ ही वैश्विक खिलौना बाजार देश में विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर पैदा करता है। टायकैथन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है।


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