SCO Virtual summit: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे वर्चुअली एससीओ समिट की मेजबानी, इन देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
SCO Virtual summit पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को डिजिटल माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) की शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हिस्सा लेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी वर्चुअली करने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को डिजिटल माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हिस्सा लेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
पिछले सप्ताह निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के विद्रोह की घटना के बाद किसी बहुपक्षीय मंच पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। ‘वैग्नर ग्रुप’ का विद्रोह हालांकि अल्पाकालिक रहा था।
ईरान का किया नये स्थायी सदस्य के रूप में स्वागत
भारत की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की होने वाली इस शिखर बैठक में ईरान का इस समूह के नये स्थायी सदस्य में रूप में स्वागत किया जाएगा।
बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि एससीओ की शिखर बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और समूह के सदस्यों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है।
SCO इन सभी देशों के साथ करता है बैठक
यह शिखर बैठक पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध जारी रहने के तीन वर्ष पूरे होने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल में हुई अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में हो रही है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सुरक्षा समूह माना जाता है।
SCO को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समूह माना जाता है
भारत ने एससीओ की अध्यक्षता पिछले वर्ष 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन के दौरान संभाली थी। इस समूह के दो निकाय- सचिवालय और एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (एससीओ रैट्स) के प्रमुख भी मंगलवार को इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इस शिखर बैठक का मुख्य विषय ‘सुरक्षित एससीओ की ओर’ (टुवार्ड सेक्योर एससीओ) है।
‘सेक्योर’ शब्द (एसईसीयूआरई) का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 के एससीओ शिखर सम्मेलन में गढ़ा गया था और इसका अर्थ- सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है।
भारत SCO से 2005 से जुड़ा हुआ है
इसमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, समग्र सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ), यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन, सीआईएस सहित छह क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया गया है।
भारत ने एससीओ के तहत सहयोग के पांच स्तंभों का सृजन किया है, जिसमें स्टार्टअप एवं नवाचार, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशिता, युवा सशक्तीकरण, साझी बौद्ध धरोहर शामिल हैं। भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का पूर्ण सदस्य अस्ताना शिखर सम्मेलन में वर्ष 2017 में बना था। भारत 2005 में एससीओ से पर्यवेक्षक देश के तौर पर जुड़ा था।