भारत-स्वीडन जलवायु पहल में अमेरिका के शामिल होने का PM मोदी ने किया स्वागत, बाइडन को कहा शुक्रिया
पीएम नरेंद्र मोदी((Narendra Modi) ने भारत-स्वीडन जलवायु पहल(India-Sweden climate initiative) में अमेरिका के शामिल होने का स्वागत किया है। पीएमओ की ओर से इसको लेकर जो बाइडन को धन्यवाद कहा गया है। पेरिस जलवायु समझौते की राह बताई।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने भारत-स्वीडन जलवायु पहल(India-Sweden climate initiative) में अमेरिका के शामिल होने का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत-स्वीडन जलवायु पहल लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन में शामिल हो चुका है। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि यह हमें पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने, प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने और नई स्थायी नौकरियां बनाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) की ओर से एक ट्वीट में लिखा गया है- 'स्वागत है POTUS,उद्योग संक्रमण, लीडआइटी के लिए नेतृत्व समूह में शामिल होने के लिए! यह भारतीय-स्वीडिश जलवायु पहल भारी उद्योग संक्रमण का नेतृत्व करती है। यह हमें पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने, प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने और नई स्थायी नौकरियां बनाने में मदद करेगा।'
गौरतलब है कि बाइडेन के लिए जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने 20 जनवरी को पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के वापस लौटने की घोषणा की थी।
जलवायु परिवर्तन पर बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। मोदी अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल जलवायु शिखर सम्मेलन में '2030 की ओर हमारी सामूहिक दौड़' विषय पर बोल रहे थे। अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद भी कहा।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु संकट से निपटने के लिए हमें तेज गति से, बड़े पैमाने पर और वैश्विक संभावना के साथ ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अपनी विकास चुनौतियों के बावजूद स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा प्रभाविता और जैव विविधता को लेकर हमने कई साहसिक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक महामारी कोरोना का भी उल्लेख किया और कहा कि मानवता वैश्विक महामारी से जूझ रही है और यह कार्यक्रम इस मौके पर हमें याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं।