Move to Jagran APP

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, हैंडलूम क्षेत्र आत्‍मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देता रहेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हैंडलूम क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए टोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू की प्रशंसा की। साथ ही मोदी ने मीराबाई चानू के माई हैंडलूम माई प्राइड की भावना और प्रयासों की भी सराहना की।

By Ashisha SinghEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 04:44 PM (IST)
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा हैंडलूम क्षेत्र आत्मानिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देता रहेगा

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हैंडलूम क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए टोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू की प्रशंसा की। साथ ही मोदी ने मीराबाई चानू के 'माई हैंडलूम माई प्राइड' की भावना और प्रयासों की भी सराहना की।

loksabha election banner

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा

पीएम मोदी ने हथकरघा क्षेत्र के योगदान की बात करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया कि, 'पिछले कुछ वर्षों में हथकरघा में एक नई रुचि देखी गई है। मीराबाई चानू को 'माई हैंडलूम माई प्राइड' की भावना का समर्थन करते हुए देखकर खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि हथकरघा क्षेत्र एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देता रहेगा।'

मोदी ने हथकरघा क्षेत्र से जुड़े अनगिनत बुनकरों और कारीगरों का समर्थन करते हुए भारत की विविधता और प्रवीणता को दर्शाने की बात कही, उन्होंने ट्वीट पर आगे लिखा कि, 'आइए हम स्थानीय हथकरघा उत्पादों का समर्थन करें!'

मीराबाई चानू ने किया हथकरघा बुनाई का समर्थन

टोक्यो रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने ट्वीट कर राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2021 के शुभ अवसर पर हथकरघा बुनाई समुदाय को शुभकामनाएं दीं। चानू ने इस अवसर पर ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप भी शेयर किया, जिसमें वह अपने गांव के एक खेत में काम कर रही हैं और हथकरघा बुनाई मशीन पर अपने हाथ आजमाती भी नजर आ रही हैं। उन्होंने साथ ही लोगों से हथकरघा को बढ़ावा देने और हथकरघा उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत भारती कला और उत्पादों का समर्थन करते रहते हैं। इससे पूर्व 'मन की बात' के 79वें एपिसोड के दौरान पीएम लोगों से ग्रामीण क्षेत्रों में बने हथकरघा उत्पादों को खरीदने और 'माई हैंडलूम माई प्राइड' पर साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में हथकरघा आय का एक प्रमुख स्रोत है।

हथकरघा दिवस

भारत में हथकरघा बुनकरों के योगदान को मान्यता देने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। इस दिन, हथकरघा बुनाई समुदाय को सम्मानित किया जाता है, और इस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान पर प्रकाश डाला जाता है।

हथकरघा कला बुनकरों की कुशलता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की विरासत का भी प्रतीक है। हथकरघा हमारे देश के ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण भागों में आजीविका प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जिस पर बुनकरों और श्रमिकों के 70 प्रतिशत से अधिक लोगों का जीवन निर्भर करता है। इसमें महिलाओं के बड़े योगदान से यह महिला सशक्तिकरण भी संबोधित करता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.