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विश्व जल दिवस: केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री ने कहा- अटलजी का सपना आज हुआ साकार

Jal Shakti Abhiyan on World Water Day देश में वर्षा के पानी के संरक्षण हेतु आज से एक मुहिम की शुरुआत हो रही है जो 30 नवंबर तक जारी रहेगा। इसमें पूरा मानसून का मौसम कवर हो जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 01:51 PM (IST)
विश्व जल दिवस:  केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री ने कहा- अटलजी का सपना आज हुआ साकार
जल शक्ति अभियान की शुरुआत आज से

 नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (Prime Minister Narendra Modi) सोमवार को विश्व जल दिवस (World Water Day) के मौके पर 'जल शक्ति अभियान' की शुरुआत की। साथ ही केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश के बीच हस्ताक्षर किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जलसंकट से निपटने के उपायों को अपनाने वाले कर्नाटक के बीदर, राजस्थान के बूंदी व उत्तराखंड के टिहरी पंचायतों  से चर्चा की।

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जल संरक्षण की दिशा में अहम फैसले-

प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज भारत में पानी की समस्या के समाधान के लिए 'कैच द रैन' की शुरुआत के साथ ही केन बेतवा लिंक नहर के लिए भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। अटल जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए ये समझौता अहम है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन-बेतवा लिंक परियोजना से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री ने कहा, ' भारत वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा उतना ही भूमिगत जल पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी। इसलिए ‘Catch the Rain’ जैसे अभियान चलाए जाने और सफल होना जरूरी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हो या हर खेत को पानी अभियान,‘Per Drop More Crop’ अभियान हो या नमामि गंगे मिशन, जल जीवन मिशन हो या अटल भूजल योजना, सभी पर तेजी से काम हो रहा है।' उन्होंने आगे कहा, ' आज जब हम जब तेज़ विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो ये जल सुरक्षा के बगैर प्रभावी जल प्रबंधन के बिना संभव ही नहीं है। भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों पर निर्भर है, हमारी Water Connectivity पर निर्भर है।'

जल जीवन मिशन का पीएम ने किया उल्लेख

प्रधानमंत्री ने कहा, 'आजादी के बाद पहली बार पानी की टेस्टिंग को लेकर किसी सरकार द्वारा इतनी गंभीरता से काम किया जा रहा है। और मुझे इस बात की भी खुशी है कि पानी की टेस्टिंग के इस अभियान में हमारे गांव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है।' उन्होंने आगे कहा, ' सिर्फ डेढ़ साल पहले हमारे देश में 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ साढ़े 3 करोड़ परिवारों के घर नल से जल आता था। मुझे खुशी है कि 'जल जीवन मिशन' शुरू होने के बाद इतने कम समय में ही लगभग 4 करोड़ नए परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है।' प्रधानमंत्री ने कहा, ' वर्षा जल से संरक्षण के साथ ही हमारे देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है। देश को पानी संकट से बचाने के लिए इस दिशा में अब तेजी से कार्य करना आवश्यक है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी इसी विजन का हिस्सा है।' 

22 मार्च से 30 नवंबर तक चलेगा जल शक्ति अभियान

देश के सभी शहरी व ग्रामीण इलाकों में शुरू होने वाले इस अभियान का थीम 'catch the rain, where it falls, when it falls' है। इसके तहत वर्षा के पानी को बचाने का लक्ष्य है। यह अभियान 22 मार्च से 30 नवंबर तक चलेगा जो देश में मानसून शुरू होने से पहले और पूरा मानसून का मौसम कवर करेगा। इस मुहिम की शुरुआत जन आंदोलन के तौर पर की जाएगी ताकि जमीनी स्तर पर लोग इसमें शामिल हो पानी बचा सकें। इसके लिए प्रधानमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, 'कल विश्व जल दिवस के मौके पर केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए ऐतिहासिक MoA पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से बुदेलखंड के लोगों को सहायता मिलेगी।' 

केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से इन क्षेत्रों में मिलेगा लाभ

केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस सपने को साकार करेगी जिसमें नदियों में आने वाले अतिरिक्त पानी को 'नदी जोड़ो प्रोजेक्ट' के तहत सूखे या कम पानी वाले इलाकों में पहुंचाया जाना था। यह प्रोजेक्ट जल संकट की परेशानी झेल रहे बुंदेलखंड के लिए किसी उपहार जैसा है। इस प्रोजेक्ट से सबसे अधिक फायदा उन क्षेत्रों को मिलेगा जहां पानी की कमी से जनजीवन प्रभावित है। ये क्षेत्र हैं मध्यप्रदेश का  बुंदेलखंड (Bundelkhand), पन्ना (Panna), टिकमगढ़ (Tikamgarh), छतरपुर (Chhatarpur), सागर (Sagar), दामोह (Damoh), दतिया (Datia), विदिशा (Vidisha), शिवपुरी (Shivpuri) और रायसेन (Raisen) वहीं उत्तर प्रदेश का बांदा (Banda), महोबा (Mahoba), झांसी (Jhansi), ललितपुर (Lalitpur))। 


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