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एनर्जी क्षेत्र की सबसे बड़ी बैठक का आगाज करेंगे पीएम

कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट में और भारत की तेज आर्थिक विकास दर को देखते हुए ये तमाम देश अब भारतीय पेट्रोलियम मंत्री से मिलने का कोई मौका नहीं गंवाते।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 10:51 PM (IST)
एनर्जी क्षेत्र की सबसे बड़ी बैठक का आगाज करेंगे पीएम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कुछ वर्ष पहले की बात है जब भारतीय पेट्रोलियम मंत्री को तेल व गैस उत्पादन करने वाले बड़े देशों के संबंधित मंत्रियों से मिलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। हालात अब बदल गये हैं। कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट में और भारत की तेज आर्थिक विकास दर को देखते हुए ये तमाम देश अब भारतीय पेट्रोलियम मंत्री से मिलने का कोई मौका नहीं गंवाते।

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बुधवार को नई दिल्ली में शुरु हो रहे अंतरराष्ट्रीय एनर्जी फोरम की बैठक में शामिल होने के लिए 92 देशों के प्रतिनिधियों में से अधिकांश देश भारत के साथ एनर्जी क्षेत्र में सहयोग करने की मंशा जता चुके हैं। सऊदी अरब, ईरान, नाइजीरिया, अल्जीरिया, रूस जैसे देश भारत को ज्यादा तेल व गैस बेचने की इच्छा रखते हैं तो नार्वे, अमेरिका जैसे बेहद उन्नत देश भारत को इस क्षेत्र की हर तकनीक उपलब्ध कराने को तैयार है। आज इनमें से कई देशों के एनर्जी व पेट्रोलियम मंत्रियों ने भारत के पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात भी की।

इस अंतरराष्ट्रीय फोरम का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को करेंगे। यह एनर्जी के उत्पादक व उपभोक्ता देशों की सबसे बड़ी बैठक है जिसमें अरबों डॉलर के कारोबार व निवेश सौदों को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। यह सभी देशों को एक मौका देगा कि किस तरह से दुनिया में एनर्जी से जुड़े मुद्दों का एक सर्वमान्य हल निकाला जाए। फोरम के 72 देशों के अलावा 20 और देशों को भी बतौर मेहमान आमंत्रित किया गया है। भारत इस बैठक से प्रमुख तौर पर दो तरह का फायदा उठाने की कोशिश करेगा। पहला, कच्चे तेल के बड़े उत्पादक देश भारत समेत अन्य एशियाई देशों से प्रीमियम दर पर तेल बेचना बंद करे। दूसरा, जिस तेजी से भारत अपनी अर्थव्यवस्था को गैस आधारित बना रहा है उसके लिए दूसरे देशों से पर्याप्त मात्रा में गैस हासिल करने की राह खुले।

इस बैठक से ठीक पहले पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से एक अध्ययन जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2030 तक भारत के तेल व गैस क्षेत्र में कुल 325 अरब डॉलर का निवेश होगा। इसके अलावा पावर सेक्टर में अगले दस वर्षो में 150 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की इस एनर्जी फोरम के दौरान सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात जैसे तेल उत्पादक देशों के साथ अलग से आपसी एनर्जी संबंधों पर बातचीत होगी। मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने ओपेक के महासचिव मोहम्मद बारकिंडो के साथ मुलाकात में कीमत का मुद्दा उठाया। प्रधान ने ओपेक महासचिव के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, अल्जीरिया, मैक्सिको, जोर्डन, मोरक्को, नार्वे, ब्रुनेई, के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने गैस निर्यात करने वाले देशों के संगठन जीईसीएफ के महासचिव यूरी सेंतायरीन से भी द्विपक्षीय मुलाकात की। 


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