ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के साथ कल वर्चुअल समिट करेंगे पीएम मोदी, जानिए क्या होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार शिखर सम्मेलन बहुआयामी रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। दोनों नेता COVID-19 सहयोग और महामारी से लड़ने के वैश्विक प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जानसन के साथ मंगलवार को वर्चुअल समिट करेंगे। इस दौरान वे द्विपक्षीय रिश्तों का आधार मजबूत करने के लिए 10 वर्षीय रोडमैप की घोषणा करेंगे। समिट की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहुआयामी रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने और आपसी हितों के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का यह एक अहम अवसर होगा। मंत्रालय ने कहा, व्यापक रोडमैप-2030 पांच प्रमुख क्षेत्रों में अगले दशक के दौरान भारत-ब्रिटेन सहयोग को और बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। ये पांच क्षेत्र हैं- लोगों से लोगों के बीच रिश्ता, व्यापार एवं समृद्धि, रक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य देखभाल।
भारत और यूके 2004 से एक रणनीतिक साझेदारी का आनंद लेते हैं। यह नियमित रूप से उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और विविध क्षेत्रों में बढ़ते अभिसरणों द्वारा चिह्नित किया गया है।इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर जी 7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 3-6 मई, 2021 तक लंदन का दौरा करेंगे, जिसमें भारत को एक अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। इसके बाद वह ब्रिटेन की द्विपक्षीय यात्रा करेंगे।
कोरोना की वजह से रद हुआ था भारत दौरा
बीते महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा (Boris Johnson India Visit) रद हो गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड स्थिति को देखते हुए 'आपसी सहमति से ये तय हुआ है कि जॉनसन भारत नहीं आएंगे। उस वक्त ही बताया गया था कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में भारत-यूके के बदले हुए रिश्तों के लिए योजना जारी करने को लेकर एक वर्चुअल बैठक करेंगे।
बोरिस पर था दबाव
बोरिस जॉनसन पर अपना भारत दौरा रद्द करने का दबाव बना हुआ था। विपक्षी लेबर पार्टी भारत में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर जॉनसन से दौरा रद करने की मांग कर रही थी। लेबर पार्टी ने सवाल किया था कि जॉनसन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर ऑनलाइन चर्चा क्यों नहीं कर सकते हैं।