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कोरोना संकट पर पीएम मोदी आज करेंगे ताबड़तोड़ बैठकें, ऑक्सीजन सप्लाई में आई रुकावट तो नपेंगे जिले के डीएम-एसपी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए डीएम और एसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है। ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने की स्थिति में उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 09:08 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 07:05 AM (IST)
कोरोना संकट पर पीएम मोदी आज करेंगे ताबड़तोड़ बैठकें, ऑक्सीजन सप्लाई में आई रुकावट तो नपेंगे जिले के डीएम-एसपी
पीएम मोदी शुक्रवार को फिर से तीन अलग-अलग उच्चस्तरीय बैठक कर कोरोना की समीक्षा करेंगे।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमित राज्यों में आक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए डीएम और एसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है। ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा आने की स्थिति में उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय किए जाने के पीएम के स्पष्ट निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने नया आदेश जारी किया। शुक्रवार को पीएम फिर से तीन अलग-अलग उच्चस्तरीय बैठक कर कोरोना की समीक्षा करेंगे।

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पूरी स्थिति की जानकारी लेंगे पीएम मोदी

इस दौरान पीएम बहुत ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों और ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ पूरी स्थिति की जानकारी लेंगे। इसी को देखते हुए उन्होंने शुक्रवार को बंगाल में प्रस्तावित चार रैलियां स्थगित कर दी हैं। पिछले तीन-चार दिनों में यह साफ होने लगा है कि देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता से ज्यादा बड़ी परेशानी सप्लाई और कुछ स्तर पर हो रही अनियमितताएं हैं।

ऑक्‍सीजन की आपूर्ति पर समीक्षा बैठक

गुरुवार को प्रधानमंत्री ने इसके उत्पादन और मांग के साथ-साथ सप्लाई में आ रही दिक्कतों की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राज्यों की मांग के अनुरूप ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। बुधवार की शाम 20 राज्यों की ओर से 6785 टन प्रति दिन ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की गई थी। केंद्र की ओर से इन राज्यों को 6822 टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया। यानी असल समस्या उपलब्धता नहीं, अस्पतालों तक पहुंचने की है।

बाधा डालने वालों पर कार्रवाई के निर्देश

बैठक में प्रधानमंत्री को बताया गया कि पिछले कुछ दिनों में ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर हुई है। लेकिन कोटा आवंटित होने के बावजूद कुछ राज्य ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं और अपने यहां की ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों पर स्थानीय अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दबाव बना रहे हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डालने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।

डीएम और एसपी की जिम्मेदारी तय

प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद आदेश जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने डीएम और एसपी की जिम्मेदारी तय कर दी है। जाहिर है कि ऐसी स्थिति में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का बयान भी दायरे में आ सकता है। आपदा प्रबंधन कानून के उल्लंघन के दोषी पाए जाने पर एक साल तक की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही राज्यों को यह भी साफ कर दिया गया है कि उन्हें पहले से तय कोटे के अनुरूप ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी।

गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश

गृह मंत्रालय के आदेश में विस्तार से बताया गया है कि ऑक्सीजन टैंकर की आवाजाही में किसी तरह का व्यवधान नहीं होना चाहिए। राज्यों में ऑक्सीजन की बदलती हुई जरूरत पर नजर रखी जा रही है और उसी के अनुरूप उन्हें आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

सांसों की डोर जोड़ रही ऑक्सीजन एक्सप्रेस

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया कि किस तरह से रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद से मुंबई को विशाखापत्तनम से 109 टन आक्सीजन की सप्लाई की गई। आगे ऐसे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा टैंकर को आने-जाने में लगने वाले समय को कम करने के लिए हवाई जहाज से खाली टैंकर को ऑक्सीजन प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है ताकि एक तरफ के समय को बचाया जा सके।

ऑक्सीजन इकाइयां लगाने का काम युद्ध स्तर पर

अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादक इकाइयां लगाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। पिछले साल स्वीकृत हुई 162 इकाइयों में 33 चालू हो चुकी हैं और 70 अन्य इस महीने के अंत तक चालू हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए नए-नए आइडिया पर काम करने की जरूरत बताई।

सख्त कदम

- सप्लाई में बाधा आई तो डीएम-एसपी पर आपदा प्रबंधन कानून के तहत होगी कार्रवाई

- पीएम ने उत्पादन और मांग के साथ-साथ सप्लाई की स्थिति को लेकर की समीक्षा

- शुक्रवार को मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों और आक्सीजन उत्पादकों संग भी पीएम की बैठक

मांग और उपलब्धता का हिसाब

- 6785 टन रही बुधवार शाम 20 राज्यों की ओर से आक्सीजन की मांग

- 6822 टन आक्सीजन भेजी गई इन राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से

- 3300 टन प्रतिदिन की क्षमता बढ़ी है उद्योगों के सहयोग से और गैरजरूरी उद्योगों में सप्लाई रोकने से

आदेश की अहम बातें 

- राज्यों के बीच आक्सीजन के वाहनों की आवाजाही निर्बाध रहेगी

- शहरों के अंदर इन वाहनों के आने-जाने पर समय की पाबंदी नहीं होगी

- मूल राज्य में ही आपूर्ति के लिए उत्पादकों पर दबाव नहीं डाला जाएगा

- किसी जिले में वाहनों को रोककर वहां आपूर्ति के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा

- राज्यों को अधिकारप्राप्त समूह-1 की आपूर्ति योजना का सख्त पालन करना होगा

- इन निर्देशों का पालन कराना डीएम, एसएसपी, एसपी, डीसीपी की जिम्मेदारी होगी

उद्योगों की आपूर्ति रोकी गई

गृह मंत्रालय ने औद्योगिक आक्सीजन की आपूर्ति रोक दी है। गुरुवार से लगी यह रोक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। इस संबंध में छूट वाले नौ उद्योगों की सूची और अन्य फैसले की जानकारी 18 अप्रैल को ही दे दी गई थी।

विभिन्न मसलों पर चर्चा करेंगे पीएम

बताया जा रहा है कि कोरोना के अधिक संक्रमण वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में वह टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के साथ-साथ ऑक्सीजन व दवाइयों की सही निगरानी की भी बात करेंगे। उन्हें यह भरोसा भी देंगे कि आक्सीजन की कमी नहीं होगी और वैक्सीन की उपलब्धता भी बरकरार रहेगी। वहीं ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ बैठक में क्षमता बढ़ाए जाने पर चर्चा हो सकती है। 


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