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हुर्रियत को पाकिस्तानी उच्चायोग में आमंत्रण पर भारत सख्त

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ उसके रिश्तों में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं हो सकती। पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान दिवस के समारोह में बुलाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने उसे कोई पक्ष माने बगैर उसको उसकी हद याद दिलाई है।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 23 Mar 2015 10:04 AM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2015 09:01 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ उसके रिश्तों में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं हो सकती। पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान दिवस के समारोह में बुलाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने उसे कोई पक्ष माने बगैर उसको उसकी हद याद दिलाई है। भारत ने पाकिस्तान उच्चायुक्त अब्दुल बासित के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है जिसमें दावा किया गया था कि 'अलगाववादियों को बुलाने पर भारत को एतराज नहीं।' भारत सरकार ने कहा है कि 'कश्मीर को लेकर कोई गलतफहमी में न रहे।'

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'भारत पाकिस्तान संबंधों में हुर्रियत की कथित भूमिका पर भारत सरकार के रुख के बारे में गलतफहमी या गलतबयानी की कोई गुंजाइश नहीं है।' सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'भारत पाकिस्तान के मसलों को हल करने के लिए केवल दो ही पक्ष हैं। इसमें किसी तीसरे के लिए कोई जगह नही है। सभी लंबित मुद्दों के आगे बढऩे का एकमात्र रास्ता शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के तहत शांतिपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत है।' हुर्रियत नेताओ को आमंत्रण पर उन्होंने कहा, 'भारत सरकार अपने लिए ही बोलना पसंद करती है।'

वीके सिंह की भी हाजिरी

पाकिस्तानी उच्चायोग के हुर्रियत प्रेम पर तल्खी के बावजूद पाकिस्तान के नेशनल डे के समारोह में विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया। सोमवार को इस समारोह में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं मीरवायज उमर फारुक, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक की मौजूदगी में वीके सिंह भी वहां 15 मिनट की हाजिरी के लिए पहुंचे। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी यहां मौजूद थे।

बुलावा सामान्य प्रक्रिया : बासित

पाकिस्तान दिवस पर हुर्रियत नेताओं को आमंत्रित करने के बाद पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था, 'भारत कश्मीर के अलगाववादियों को आमंत्रित करने के खिलाफ नहीं है।Ó बासित ने यह बात पाकिस्तान दिवस से पहले हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के बाद कही। इस मौके पर जमानत पर रिहा आतंकी मसर्रत आलम को मिले पाकिस्तानी निमंत्रण ने आग में घी का काम किया। हालांकि, पाक उच्चायुक्त ने इस बुलावे को सामान्य प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा, 'मैं मीडिया से कहना चाहूंगा वे ऐसी बातों को मुद्दा न बनाए जो हैं ही नही।'

कांग्रेस का सरकार पर हमला

उधर, कांग्रेस पार्टी ने इस मेल मुलाकात को लेकर सरकार पर हमला बोला है। पाकिस्तान उच्चायुक्त की अलगाववादी नेता मीरवाइज से मुलाकात पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने भारत से इस पर कड़ा रुख अपनाने की बात कही है। पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'पाकिस्तान को अलगाववादियों की आवभगत बंद करनी चाहिए।' जबकि भाजपा ने इसे हर साल होने वाली कवायद करार दिया। पार्टी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा 'यह पहली बार नहीं हो रहा है। हमें इससे मतलब नहीं निकालने चाहिए।'

मोदी ने नवाज को दी मुबारकबाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को पाकिस्तान दिवस की बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि 'मैंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को चि_ी लिखकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की मुबारकबाद दी है। मेरा ये दृढ़ मत है कि सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा से मुक्त खुले माहौल में द्विपक्षीय बातचीत से हल किया जाना चाहिए।

हुर्रियत ने दी भारत-पाक की मदद करने की दलील

कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मेल-मुलाकात को जायज ठहराने की कोशिश है। हुर्रियत नेताओं का कहना है कि कश्मीर के मसले को सिरे से सुलझाने के लिए वह भारत और पाकिस्तान की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि हुर्रियत नेताओं ने सोमवार को पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने के बासित के न्योते को तवज्जो नहीं दी।

हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवायज उमर फारूक ने बासित से रविवार को हुई मुलाकात के संबंध में कहा कि कश्मीर के जटिल मुद्दे को सुलझाने के लिए राजनीतिक रुख की दरकार है। फारूक ने कहा, 'हुर्रियत का मुख्य एजेंडा यह है कि कश्मीर मसले में भागीदार भारत, पाकिस्तान और कश्मीरी एक साथ मिलकर इस समस्या का हल निकालें। यही एकमात्र तरीका है जिससे मासूम नागरिकों और सेना की जवानों की हत्याओं समेत दूसरे सभी विनाश को रोका जा सकता है।' फारूक ने कहा कि कश्मीर मसले के भागीदारों को इस समस्या का हल निकालना ही होगा।

इसी तरह की दलीलों के साथ जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासिन मलिक ने कहा है कि वह पिछले 22 सालों से पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस में शामिल होते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अन्य कई भारतीय नेताओं और भारतीय पत्रकारों की तरह मैं भी वहां शामिल रहूंगा।'

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