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पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंद-प्रशांत सहयोग समेत अफगान मुद्दे पर की चर्चा

पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को फोन पर बातचीत की है। मैक्रों के कार्यालय से एक बयान में कहा गया कि इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में संकट जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 11:52 PM (IST)
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंद-प्रशांत सहयोग समेत अफगान मुद्दे पर की चर्चा
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रान की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसियां। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग करने पर चर्चा की। मैक्रों ने ट्वीट में कहा, 'हमारे पार्टनरशिप को महत्ता देने के लिए शुक्रिया। हिंद-प्रशांत को सहयोग और साझा मूल्यों का क्षेत्र बनाने के लिए भारत और फ्रांस प्रतिबद्ध हैं।'

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, क्योंकि फ्रांस आस्ट्रेलिया के 40 बिलियन डालर के फ्रांसीसी पनडुब्बी आदेश को रद करने के नतीजों से निपट रहा है। दोनों नेताओं ने मंगलवार को फोन पर बातचीत की है। मैक्रों के कार्यालय से एक बयान में कहा गया कि इस दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में संकट जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की है। 

पिछले हफ्ते आस्ट्रेलिया द्वारा फ्रांस के साथ अपने पिछले परमाणु पनडुब्बी सौदे को रद करने के बाद फ्रांस ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था।

आस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह पारंपरिक पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाने के लिए फ्रांस के नौसेना समूह के साथ 2016 के पहले के सौदे को रद कर देगा।  इसके बजाय त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी पर हमला करने के बाद अमेरिका और ब्रिटिश तकनीक के साथ कम से कम आठ परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का निर्माण करेगा। फ्रांस ने इसे पीठ में छुरा बताया था।

वहीं, चीन ने बदले में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच एक नए इंडो-पैसिफिक सुरक्षा गठबंधन की निंदा की, इस क्षेत्र में हथियारों की होड़ की चेतावनी भी दी है।

आस्ट्रेलिया के साथ भावी व्यापार समझौते पर विचार करे ईयू : फ्रांस

वहीं, दूसरी ओर फ्रांस ने यूरोपीय संघ के अपने साझेदार देशों से इस बात पर विचार करने के लिए कहा है कि आस्ट्रेलिया के साथ भावी व्यापार समझौते पर क्यों न देरी की जाए। पेरिस का कहना है कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच एक बड़े रक्षा सौदे से उसका विश्वास डगमगा गया है। फ्रांस के यूरोपीय मामलों के मंत्री क्लेमेंट बेआयूने ने कहा कि ब्रसेल्स में अपने समकक्षों के साथ होने वाली बैठक में वह एयूकेयूएस (आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका) के नाम से ज्ञात व्यापार समझौते और सौदे की सुरक्षा जटिलताओं का मुद्दा उठाएंगे। फ्रांस यह सुनिश्चित करेगा कि अगले महीने होने वाले यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन और मंत्रिस्तरीय बैठकों में इस पर चर्चा की जाए।


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