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नगालैंड दिवस की पीएम मोदी ने दी बधाई, वीरता और मानवता की पहचान है नागा समुदाय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के माध्यम से नगालैंड वासियों को राज्य दिवस की बधाई दी है। गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी अधयक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर समेत कई अन्य नेताओं ने नगालैंड स्थापना दिवस की बधाई दी है।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 12:46 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 01:10 PM (IST)
नगालैंड दिवस की पीएम मोदी ने दी बधाई, वीरता और मानवता की पहचान है नागा समुदाय
नागालैंड दिवस की पीएम मोदी ने दी बधाई

 नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह ट्विटर के माध्यम से नगालैंड वासियों को राज्य दिवस की बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागा संस्कृति वीरता और साहस को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि नगालैंड दिवस के इस खास अवसर पर राज्य के लोग बधाई के पात्र हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि नागा संस्कृति का भारत के विकास में खास योगदान है। उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि आने वाले सालों में नगालैंड और तरक्की करे।

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गृह मंत्री समेत अन्य ने दी बधाई

गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अधयक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई अन्य नेताओं ने नगालैंड स्थापना दिवस की बधाई दी है। 1957 में केंद्र सरकार और नगालैंड के नेताओं में नागा पहाड़ियों को एक क्षेत्र बनाने को लेकर एक एग्रीमेंट हुआ था। नगालैंड स्टेट एक्ट के तहत 1962 में नगालैंड को पूरी तरह से भारत के 16वें राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। लेकिन 1 दिसंबर 1963 में नगालैंड को राजधानी कोहिमा के साथ औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुई। नगालैंड नार्थ ईस्ट का एक सीमावर्ती क्षेत्र है, जहां 12 जिले हैं और राज्य का सबसे बड़ा शहर दीमापुर है। वहीं, राज्य में ईसाई धर्म के लोगों की संख्या ज्यादा है। अधिकतर लोग रोजगार के लिए कृषि पर निर्भर हैं।

त्योहारों के लिए जाना जाता है नगालैंड

बता दें कि नगालैंड अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के आदिवासी लोग भी रहते हैं। सभी लोगों की अपनी अलग-अलग संस्कृति और परंपराएं हैं। इसके चलते नगालैंड को त्योहारों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। आदिवासी लोगों के अधिकतर त्योहार कृषि और बदलते मौसम पर निर्भर हैं। नगालैंड सरकार की ओर से दिसंबर 2000 में राज्य की संस्कृति और आदिवासी लोगों की परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए हार्नबिल त्योहार की शुरुआत की गई थी। यह त्योहार राज्य पर्यटन विभाग और कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इसके बाद नगालैंड में हर साल यह त्योहार मनाया जाता है, जिसमें राज्य के लोकप्रिय नृत्‍य, खान-पान और खेलों का आयोजन किया जाता है।


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