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मुजफ्फरनगर दंगों के मुकदमे वापस लेने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका

मंगलवार को यह याचिका सुनवाई पर लगी थी लेकिन न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 09:25 PM (IST)
मुजफ्फरनगर दंगों के मुकदमे वापस लेने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर दंगों के मुकदमे वापस लेने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को मुकदमें वापस लेने से रोकने की मांग की गई है। साथ ही लोक अभियोजक के मुकदमें वापस लेने के अधिकार के बारे में कोर्ट से दिशा निर्देश तय करने की भी मांग की गई है। मंगलवार को यह याचिका सुनवाई पर लगी थी लेकिन न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी।

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यह याचिका कैराना के रहने वाले गुल्लू की ओर से दाखिल की गई है। मंगलवार को याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े मुकदमें वापस लेने और प्रभावी लोगों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कोर्ट से मामले पर विचार करने का आग्रह किया। पीठ ने मंगलवार को याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं किया और सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी। हालांकि कोर्ट ने उनसे कहा कि अगर इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार इस संबंध में कोई कार्रवाई करती है तो वे कोर्ट आ सकते हैं।

याचिका मे मांग की गई है कि कोर्ट मुजफ्फरनगर दंगों के 131 मामलों की पैरवी के लिए स्वतंत्र लोक अभियोजक (सरकारी वकील) नियुक्त करे। इसके अलावा कहा गया है कि जहां राज्य सरकार या लोक अभियोजक पर पक्षपाती होने की आशंका हो उन मामलों में लोक अभियोजक को सीआरपीसी की धारा 321 के तहत मिली मुकदमा वापस लेने की शक्तियों के इस्तेमाल के बारे में दिशानिर्देश तय किये जाएं। मालूम हो कि इस धारा के तहत लोकअभियोजक को अधिकार है कि वह अदालत के समक्ष अर्जी दाखिल कर मुकदमा वापस ले सकता है। यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार को मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित मुकदमें वापस लेने का आदेश देने से रोका जाए। मांग की गई है कि मुजफ्फरनगर दंगों के लंबित केस उत्तर प्रदेश के बाहर दिल्ली या किसी अन्य राज्य में सुनवाई के लिए स्थानांतरित किये जाएं।

याचिका में मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित लंबित 131 मुकदमों को वापस लेने का राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि ऐसा प्रभावी लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा है। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों को जल्द निपटारे के लिए विशेष अदालतों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है ऐसे में मुकदमें विशेष अदालत में स्थानांतरित करने के बजाए राज्य सरकार उन्हें वापस लेने जा रही है। कोर्ट इस मामले में दखल दे और राज्य सरकार को ऐसा करने से रोके।


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