मैदानी इलाके रिमझिम फुहारों से हुए तर तो पहाड़ी इलाकों के लिए बारिश बनी आफत
उत्तराखंड और हिमाचल में बारिश से जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश से यहां बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो रहा है।
जेएनएन, नई दिल्ली । मानसून उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को जहां रिमझिम फुहारों से तर कर रहा है वहीं पहाड़ी इलाकों में लोगों के लिए आफत बन रहा है। उत्तराखंड और हिमाचल में बारिश से जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश से यहां बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो रहा है। जबकि मैदानी इलाकों में अभी स्थिति सामान्य है।
उत्तराखंड में चौतरफा कहर
उत्तराखंड में बारिश से कोहराम मच गया है। देहरादून में पेड़ गिरने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। बागेश्वर में रामगंगा नदी के किनारे रहने वाले 10 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया जबकि मलबा आने से 123 सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है। शुक्रवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। बुधवार को चट्टान टूटने से यमुनोत्री से करीब 20 किलोमीटर दूर स्यानाचट्टी में करीब 250 यात्री फंसे हुए थे। लोक निर्माण विभाग ने मशक्कत के बाद गुरुवार को दोपहर बाद करीब 333 घंटे बाद मलबा हटाकर यातायात सुचारु कर दिया।
हिमाचल में भारी बारिश से थमी रफ्तार
हिमाचल में भी भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन के कारण सड़कें बाधित हो गई हैं तो कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। सबसे अधिक बारिश जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में 72.2 मिलीमीटर रिकार्ड की गई। इससे सिरमौर जिला की संपर्क सड़कें पूरी तरह बाधित हैं।
जम्मू-कश्मीर में राहत भरी बारिश
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को भी बारिश होती रही। सुबह हुई बारिश के बाद दोपहर तक मौसम राहत भरा रहा लेकिन दोपहर बाद उमस ने परेशान किया। जम्मू में दिन का अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
राजस्थान के अधिकांश जिलों में बरसे बदरा
राजस्थान के कई जिलों में पिछले दो दिन से चल रहा बारिश का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। जयपुर सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में मध्यम से तेज बारिश का दौर जारी है। पाली में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उप्र में रिमझिम फुहारों से मिल रही राहत
उप्र में मानसूनी बारिश की फुहारों से राहत का सिलसिला जारी है। कानपुर के आसपास के जिलों में भी रिमझिम बारिश होती रही। बारिश के दौरान हुई घटनाओं में तीन लोगों की जान चली गई और कई मवेशियों की भी मौत हो गई। हालांकि कई स्थानों पर लोग अब भी बारिश के इंतजार में टकटकी लगाए हुए हैं।