बंगाल में निष्पक्ष चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, विपक्षी नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग
याचिका में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने तथा विपक्षी दलों के नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की गई है। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं की जांच की स्टेटस रिपोर्ट मंगाने की मांग की गई है।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए संबंधित एजेंसियों को आदेश देने की बात कही गई है। यह जनहित याचिका वकील विनीत ढान्ढा ने दाखिल की है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने तथा विपक्षी दलों के नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की गई है।
इसके अलावा, चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में फर्जी मतदाताओं पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने और फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाए जाने के निर्देश की भी मांग की गई है। साथ ही, भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं की जांच की स्टेटस रिपोर्ट मंगाने की मांग की गई है।
तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भाजपा की याचिका
इससे पहले भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और ममता बनर्जी सरकार पर जानबूझकर उनके खिलाफ नए-नए मामले दर्ज करने का आरोप लगाया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि अगले आदेश तक भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अर्जुन सिंह, पवन कुमार सिंह, कबीर शंकर बोस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने सांसद अर्जुन सिंह से पूछा था कि आपके खिलाफ कब से 64 केस फाइल किए गए हैं। इस पर अर्जुन सिंह की तरफ से उनके वकील मुकुल रोहतगी ने जवाब दिया कि जब से अर्जुन सिंह ने टीएमसी छोड़ी है तब से नवंबर 2020 के बीच ये सभी मामले दर्ज किए गए हैं। भाजपा नेताओं ने बंगाल में उनके खिलाफ दर्ज मामले को स्वतंत्र जांच एजेंसी को ट्रांसफर करने और राज्य से बाहर सुनवाई की मांग की है।