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फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पशुओं को मारने के खिलाफ याचिका, SC ने राज्यों को जारी किया नोटिस

कोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लेकर राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि मनुष्य और पशुओं के बीच टकराव रोकने का उपाय ढूंढा जाना चाहिए।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 01:08 PM (IST)
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पशुओं को मारने के खिलाफ याचिका, SC ने राज्यों को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली पशुओं को मारने की इजाजत देने के मामले में नोटिस जारी किया है। बीजेडी सांसद अनुभव मोहंती ने इस मामले में याचिका दायर कर जंगली पशुओं को मारने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहन ना देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लेकर राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि मनुष्य और पशुओं के बीच टकराव रोकने का उपाय ढूंढा जाना चाहिए।

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कोर्ट ने मोहंती की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पशुओं को इस तरह मारे जाने पर चिंता जताते हुए समस्या का समाधान ढूंढ़ने की बात कही है।

मुख्य न्यायाधीश  ने कहा कि इस समस्या से निपटने के और भी मानवीय तरीके हो सकते हैं। कोर्ट ने मोहंती की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि वे कोर्ट को इस बारे में कुछ सुझाव बताएं। इसका भी आकलन करें कि वन भूमि पर कब्जा हुआ है, जिसके कारण इंसान और जानवरों का टकराव बढ़ा है। इसका हल ढूंढने की जरूरत है। सिर्फ यह कहने से समस्या हल नहीं होगी कि इन्हें मत मारो।

इस याचिका में कहा गया है कि कई राज्यों जैसे बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल में सरकारें फसल खराब करने वाले जंगली पशुओं को मारने को प्रोत्साहन देती हैं, इनमें नीलगाय, जंगली सुअर आदि शामिल हैं। इस याचिका में विभिन्न जानवरों और एक बच्चे की मौत की घटना की खबर का भी हवाला दिया गया है। याचिककर्ता ने कहा है कि इसके लिए फंदा लगाया जाता है। कटीले तार का ट्रैप लगाया जाता है या फिर जानवरों को विस्फोटक या फिर जहर खिला दिया जाता है, जिससे जानवरों की दर्दनाक मौत होती है। कई बार इसका शिकार चीता, सियार, तेंदुआ, और हाथी भी हो जाते हैं। याचिका में इसे रोकने की मांग की गई है।


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