काली सूची से पूर्वजों का नाम हटवाना चाहते हैं लोग
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने हाई कोर्ट में कहा है कि पंजाब में आतंकवाद के दौर (1980-90) में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कुछ लोगों का नाम काली सूची में डाला था। इनके परिजन चाहते हैं कि उनके पूर्वजों का नाम काली सूची से हटाया जाए।
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने हाई कोर्ट में कहा है कि पंजाब में आतंकवाद के दौर (1980-90) में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कुछ लोगों का नाम काली सूची में डाला था। इनके परिजन चाहते हैं कि उनके पूर्वजों का नाम काली सूची से हटाया जाए, जिससे वह भारत में आ सकें। डीएसजीपीसी ने यह तर्क सूची के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत में रखा।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंतनाथ की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तारीख तय करते हुए याचिकाकर्ता से अपना पक्ष रखने को कहा है। डीएसजीपीसी के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेशों के बाद कुछ एनआरआइ व भारतीय लोगों को देश में प्रवेश की अनुमति नहीं है। याचिकाकर्ता का दावा है कि इस सूची में अधिकांश लोग सिख समुदाय से हैं। ऐसे में सरकार का यह आदेश केवल एक विशेष समुदाय के खिलाफ है।
सरकार का यह फैसला गैरकानूनी व मनमाना है। अदालत इसे रद करने का आदेश जारी करे। पंजाब में जब आतंकवाद का दौर था तो कुछ लोगों ने देश छोड़कर विदेश में राजनीतिक शरण ली थी। अब उनकी तीसरी पीढ़ी है। ये लोग अपने देश आना चाहते हैं। इन लोगों ने ऐसा काम भी नहीं किया है, जो देश के खिलाफ है। ऐसे में अदालत इन लोगों के नाम सूची से हटाने का आदेश जारी करे।