गंभीर संक्रमित जिलों को छोड़ रेड जोन में भी राहत चाहते हैं लोग, सर्वे में सामने आई बात
कोरोना संकटकाल में देशभर के 277 जिलों में लोकल सर्किल एजेंसी की ओर से कराए गए एक सर्वे में ये बातें सामने आईं। सर्वे में 21 हजार से ज्यादा लोगों से अलग-अलग मुद्दों पर बात की गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन के प्रतिबंधों को हटाने की चल रही कवायद के बीच बड़ी संख्या में नागरिकों ने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों को छोड़कर रेड जोन वाले क्षेत्रों में भी राहत प्रदान करने का सुझाव दिया है। हालांकि, गंभीर रूप से प्रभावित जिलों में प्रतिबंधों को अगले और दो हफ्ते तक जारी रखने की बात भी कही है। लोगों ने सार्वजनिक परिवहन सेवाएं शुरू होने पर भी अगले तीन महीने तक इमरजेंसी को छोड़कर किसी भी तरह की यात्रा से परहेज करने की बात कही है। यानी, लोग खुद को घर, ऑफिस या दुकान तक ही सीमित रखेंगे।
कोरोना संकटकाल में देशभर के 277 जिलों में लोकल सर्किल एजेंसी की ओर से कराए गए एक सर्वे में ये बातें सामने आईं। सर्वे में 21 हजार से ज्यादा लोगों से अलग-अलग मुद्दों पर बात की गई। रेड जोन में लॉकडाउन से राहत को लेकर जब बात की गई तो 81 फीसद लोगों ने गंभीर रूप से संक्रमित जिलों को छोड़कर सभी रेड जोन में भी कड़े सुरक्षा नियमों के साथ राहत देने का सुझाव दिया। गंभीर रूप में संक्रमित जिलों में प्रतिबंधों के सवाल पर 45 फीसद लोगों ने इसे दो हफ्ते और जारी रखने की बात कही, जबकि 35 फीसद लोगों ने 33 फीसद क्षमता के साथ इन क्षेत्रों में भी कार्यालयों और अकेली दुकानों को खोलने की अनुमति देने के सुझाव दिए।
सर्वे में उन्हीं जगहों को गंभीर रूप से संक्रमित क्षेत्रों में रखा गया है, जहां मौजूदा समय में 500 से ज्यादा कोरोना के सक्रिय केस मौजूद हैं। इनमें मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे, इंदौर, ठाणे, जयपुर, जोधपुर, सूरत, कोलकाता, आगरा, हैदराबाद और भोपाल आदि शामिल हैं। सर्वे के दौरान लोगों ने यह उम्मीद जताई कि 17 मई के बाद उन्हें और ज्यादा राहत मिल सकती है। यानी उनके बंद पड़े कामकाज शुरू हो सकते हैं।